गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में शिरकत करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस ट्रस्ट संतों की कर्मस्थली रही है. यह केवल ट्रस्ट नहीं बल्कि इसका कार्यालय किसी मंदिर से कम नहीं है. गीता प्रेस ने करोड़ों परिवारों को कर्तव्य पथ का रास्ता दिखाने का काम किया. हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस अवसर के साक्षी बन रहे हैं. यह संयोग नहीं है, जब हम आजदी का अमृत काल मना रहे हैं तो गीता प्रेस को 100 साल पूरे हो रहे हैं. गीता प्रेस भारत को जोड़ता है.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा इस बार का मेरा गोरखपुर दौरा विकास भी विरासत भी की नीति का उदहारण है. आज यहां दो भाषाओं हिंदी और नेपाली में महाशिवपुराण पुस्तक का विमोचन हुआ. मैं यहां से गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा, वहां नए गोरखपु रेलवे स्टेशन की नींव रखूंगा. जबसे मैंने उसकी तस्वीरों को ट्वीट किया है, तभी से लोग कह रहे हैं कि क्या यह भी संभव है? उसके बाद मैं वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करूंगा. एक समय था जब लोग प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर नई ट्रेन की मांग करते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब वंदे भारत के लिए लोग मुझे चिट्ठी लिख रहे हैं. वंदे भारत माध्यम वर्ग के लिए सुविधाओं और सहूलियतों की उड़ान है. मैं वंदे भारत ट्रेन के लिए गोरखपुर के लोगों को बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा कि गीता प्रेस शताब्दी समारोह है. गीता प्रेस ट्रस्ट नहीं जीवन की आस्था है. जहां गीता है वहां कृष्ण हैं. जहां कृष्ण हैं, वहां करुणा और कर्म है. सब कुछ वासुदेव से है, सब कुछ वासुदेव में हैं. गीता प्रेस भारत को जोड़ती है. हमारा सौभाग्य है कि हम इस अवसर के साक्षी बन रहे हैं. गीता प्रेस का कार्यालय किसी मंदिर से कम नहीं. हमारी सरकार ने गांधी शांति सम्मान दिया है. मुझे ख़ुशी है कि गीता प्रेस को सम्मान मिला.
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