फिल्म ’72 हूरें’ रिलीज हो गई है. एक वर्ग इसे प्रोपेगैंडा फिल्म बता रहा है, जो मानता है कि यह फिल्म धर्म-विशेष के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है. मगर फिल्म के सह-निर्माता अशोक पंडित सहित तमाम दर्शकों का मानना है कि यह फिल्म आतंक और आतंकवादियों की घनौनी सोच से पर्दा उठा रही है जो धर्म का आड़ लेकर आम लोगों को बर्गलाते हैं और उन्हें आतंकवादी बनने के लिए मजबूर करते हैं.
एक ज्वलंत मुद्दे पर फिल्म ’72 हूरें’ बनाने के चलते अशोक पंडित को धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, ’72 हूरें’ पर फिल्ममेकर अशोक पंडित को धमकियां मिलने के बाद, उनके घर और दफ्तर पर पुलिस तैनात कर दी गई है, जिसका एक वीडियो एएनआई ने ट्विटर पर शेयर किया है. फिल्म को लेकर लोग दो गुटों में बंटे हुए हैं. एक पक्ष मानता है कि यह फिल्म मुस्लिमों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देती और उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, जबकि दूसरा पक्ष मानता है कि यह फिल्म आतंकवाद के खिलाफ और इंसानियत के पक्ष पर बात करती है.
फिल्म ’72 हूरें’ को लेकर ज्यादातर क्रिटिक्स और दर्शकों की राय सकारात्मक है. फिल्म आतंकवाद के खिलाफ एक मुहिम है जो दो आतंकवादियों की कहानी के जरिये इंसानियत की पैरवी करती है. फिल्म आज 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. फिल्म में पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर और रशीद नाज जैसे उम्दा एक्टर्स ने अहम रोल निभाया है.
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