महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की शिवसेना-भाजपा सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के शामिल होने से उन्हें कोई खतरा नहीं है. राकांपा प्रमुख शरद पवार के खिलाफ उनके भतीजे अजित पवार के विद्रोह को लेकर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जब मेहनती कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जाती है तो पार्टियां टूट जाती हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘डीडी न्यूज’ से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऐसी चीजें तब होती हैं जब पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है. अजित पवार ने खुद कहा है कि वह शरद पवार ही थे जो पहले 2017, 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने ‘यू-टर्न’ ले लिया.’’
उन्होंने यह भी बताया कि शरद पवार ने खुद 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल और 1999 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ विद्रोह किया था. उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलों को खारिज करते हुए शिंदे ने कहा कि ये बेबुनियाद अफवाहें हैं और इसे लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं है.
उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा विचारधारा से बंधे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अब तीसरे सहयोगी के साथ मिलकर हमें मजबूती से काम करना है और 2024 में नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है. हमें महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीट में से 45 से अधिक जीतनी हैं.’’
उन्होंने कहा कि अजित पवार उनकी सरकार के विकास को लेकर किये जा रहे काम के कारण सरकार में शामिल हुए हैं. शिंदे ने कहा, ‘‘मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया है, और अब अजित पवार के सरकार में शामिल होने से हम और मजबूत हो गए हैं. पिछले एक साल में हमारे विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में बहुत काम हुआ है.’’
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