बिहार में महागठबंधन सरकार में लगातार खटपट की खबरें सामने आ रही हैं. खास कर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर मामला और भी गरमा गया है. इस बीच लगातार यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम नीतीश कुमार फिर से एनडीए के साथ जा सकते हैं. इसी क्रम में हाल में कई घटनाएं ऐसी हुई हैं जो सियासी तौर पर काफी कुछ संकेत दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब भाजपा और नीतीश सरकार के पोस्टर-बैनर के सियासी मायने भी पढ़े जा रहे हैं. इसमें भाजपा के भ्रष्टाचारी पोस्टर से सीएम नीतीश कुमार गायब हैं तो बिहार सरकार द्वारा जारी पोस्टर से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लापता हैं. ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं.
दरअसल, नालंदा के अंतररार्ष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर मलमास मेले की तैयारी के दौरान जिस तरह से बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं, इनमें सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीरें हैं. खास बात यह है कि इन पोस्टरों में एक में भी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की तस्वीर कहीं भी नहीं है. यह अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और इसके साथ ही राजनीतिक अटकलबाजियों का दौर भी चल पड़ा है.
बता दें कि एक दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी सोशल माडिया अकाउंट से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भाषण के साथ कुछ नेताओं को दिखाया गया था. इसमें पीएम भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कई नेताओं के नाम ले रहे हैं, जिनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव हैं, लेकिन इस पोस्टर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार गायब हैं.
खास बात यह है कि जिस पोस्टर को जारी किया गया है इसमें 23 जून की बैठक में नीतीश कुमार ठीक मल्लिकार्जुन खड़गे के बगल में बैठे हुए थे, लेकिन पीएम मोदी के भाषण के साथ जारी पोस्टर में सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं दिखाई गई है जबकि उसी बैठक के अन्य नेताओं को दिखाया गया है जो भाजपा के टारगेट पर हैं. यहां यह भी बता दें कि पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश का नाम लेकर कई बार जोरदार हमला बोला था. लेकिन विगत 29 जून को लखीसराय में उन्होंने अपने संबोधन में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह को निशाने पर तो लिया, लेकिन सीएम नीतीश को लेकर वे हमलावर नहीं दिखे.
हालांकि, नीतीश कुमार और भाजपा की नजदीकियों की बात को कई बार भाजपा नेताओं और जदयू के नेताओं की ओर से खारिज किया जा चुका है. लेकिन, तेज सियासी नजर रखने वाले जानकार इसे हाल में ही नीतीश कुमार के राजभवन जाकर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने और इसके ठीक बाद भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के पहुंचने से भी जोड़ते हैं. हाल में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की सीएम नीतीश की गुपचुप मीटिंग के बाद तो कयासबाजियां और तेज हो गईं. हाल में बिहार में लगातार जो संकेत मिल रहे हैं वह सियासत के जानकारों की कान खड़ी कर रहे रहे हैं.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.