कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने अपने संस्कृत विभाग के लिए गुमला के कमल किशोर मिश्रा को बतौर विभागाध्यक्ष नियुक्त किया. बता दें कि कमल किशोर मिश्रा गुमला जिला मुख्यालय के ज्योति संघ मार्ग के पंडित मुहल्ला में रहते हैं. कमल किशोर मिश्रा सिविल कोर्ट के एडवोकेट नंदकिशोर मिश्रा के बड़े पुत्र हैं. मां प्रभा मिश्रा गृहिणी हैं.
कमल के छोटे भाई गोपी किशोर मिश्रा शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि भैया की रुचि शुरू से ही पढ़ाई में रही है. वे शांत और मृदु स्वभाव वाले मिलनसार व्यक्ति हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा टंगरा स्कूल/राजकीय मध्य विद्यालय गुमला मुख्यालय व मैट्रिक एसएस हाई स्कूल गुमला से हुई है. उसके बाद इंटर और ग्रेजुएशन की पढ़ाई कार्तिक उरांव महाविद्यालय गुमला से हुई. आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चले गए और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमए, एमफिल, पीएचडी, पोस्ट पीएचडी इत्यादि डिग्री ली.
रणवीर संस्कृत रिसर्च इंस्टिट्यूट, जम्मू एंड कश्मीर में कमल किशोर ज्वॉइट डायरेक्टर के पद पर रहे. उन्होंने कुल 15 पुस्तकें लिखी हैं. उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में से श्रीमदभगवत गीता 11 वॉल्यूम में है. उसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जबकि कमल किशोर की पुस्तक मुंडकोपनिषद का विमोचन भारत के उपराष्ट्रपति ने किया था.
कमल किशोर मिश्रा कलकत्ता यूनिवर्सिटी में 2008 से संस्कृत के प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रहे. बीच में फिजी सहित पांच अन्य देश में भारत के सांस्कृतिक राजनयिक के रूप में डेपुटेशन पर रहे. अब इन्हें यूनिवर्सिटी में संस्कृत का विभागाध्यक्ष बनाया गया है.
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