'मैं शिवसेना का नाम किसी को नहीं लेने दूंगा...' बोले उद्धव ठाकरे, कहा- चुनाव आयोग को कोई हक नहीं

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर शिवसेना के चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. एक तरफ उद्धव गुट की नाम और चुनाव चिन्ह संबंधित याचिका को मंजूर कर सुनवाई के लिए राजी हो गई है. वहीं उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस समय विदर्भ के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस बीच अमरावती में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने धोखाधड़ी की राजनीति पर बड़ी टिप्पणी की है और राय जताई है कि देश में राइट टू रिकॉल राइट पर चर्चा होनी चाहिए.

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि मैं बैठकों के लिए नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए यात्रा कर रहा हूंशिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री बनना मेरी आकांक्षा नहीं थी. मैं भविष्य में भी शिवसेना से ही सीएम चाहता हूं. मैंने बाला साहेब ठाकरे से वादा किया था कि शिवसेना का सीएम होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम बदलना चुनाव आयोग का काम नहीं है. उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग को कोई अधिकार नहीं है.

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अब सब देख रहे हैं कि राजनीति में पार्टियों का टूटना कोई नई बात नहीं है. लेकिन अब लोग महफिल लूट रहे हैं. शिव सेना नाम मेरे दादा ने दिया था. मैं किसी को भी यह नाम नहीं लेने दूंगा. नाम देना चुनाव आयोग का अधिकार नहीं है. चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग दे सकता है, यह उनका विशेषाधिकार है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी का नाम मेरा है और यह मेरा ही रहेगा. इनका काम यह देखना है कि चुनाव के दौरान नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.’

ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी का नाम बदलने का कोई अधिकार नहीं है. आगे बोलते हुए ठाकरे ने कहा, ‘पहले बैलेट बॉक्स से सरकार का जन्म होता था, लेकिन अब बॉक्स से सरकार का जन्म हो रहा है. आप किसी को भी वोट दो, वे कहने लगे कि सरकार मेरी आएगी और अगर ऐसा है तो कल जो सत्ता या पैसे से खेल सकता है वह राज्य का मुख्यमंत्री या देश का प्रधानमंत्री बन सकता है.’

राज्य में कैबिनेट विस्तार पर बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि फिलहाल मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन कल उद्धव ठाकरे ने कहा कि मौजूदा सरकार की स्थिति ऐसी है जैसे किसी के कंधे पर किसी का बोझ हो. उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने वंचित बहुजन आघाड़ी से सीट बंटवारे का प्रस्ताव मांगा है. उनका प्रस्ताव आने के बाद हम इस पर विचार करेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पहले पार्टियों का टूटना कोई नई बात नहीं थी. अब पार्टियां चोरी हो रही हैं.

उच्चतम न्यायालय ने ‘शिवसेना’ नाम और पार्टी का चिह्न ‘धनुष और बाण’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को आवंटित करने के निर्वाचन आयोग (ईसी) के फैसले के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई करने पर सोमवार को सहमति जताई. इसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि मामले को 31 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है. पीठ ने तिवारी को शिंदे धड़े द्वारा दायर जवाब का प्रत्युत्तर देने की अनुमति देते हुए कहा, ‘इसे 31 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। हम इस पर उसी दिन सुनवाई करेंगे.’ शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को शिंदे से जवाब मांगा था.

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