यौन उत्पीड़न के अदालत में दाखिल आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा कि 'एक महिला पहलवान ने अपने बयान में उन जगहों का जिक्र किया, जहां उसे लगा कि मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उसके साथ छेड़छाड़ किया है। आरोपपत्र में पुलिस ने कहा है कि सिंह अब तक की जांच के आधार पर, भाजपा सांसद सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों के लिए मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए पर्याप्त साक्ष्य है। राज एवेन्य अदालत में दाखिल आरोपपत्र में सिंह के खिलाफ 21 गवाहों ने अपने बयान दिए हैं। इनमें से छह गवाहों ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है। पुलिस की ओर से 15 जून को अदालत बृजभूषण सिंह 164 के तहत छह गवाहों ने बयान दर्ज कराए में दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है कि छह शीर्ष पहलवानों की शिकायतों की अब तक की जांच के आधार पर सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और सजा भी जा सकती है। आरोपपत्र के मुताबिक गवाहों की सूची में से दो ने अपने बयान में
पुलिस ने अदालत में 15 जून को सिंह और तोमर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद सिंह और तोमर को समन जारी किया किया था। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि मामले में चारा 354, 354डी, 345ए और 506 (1) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। पुलिस ने 7 महिला पहलवानों की शिकायत पर सिंह के खिलाफ दो मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि नाबालिग पहलवान ने शिकायत वापस ले ली थी। पीड़िता के बयान की पुष्टि भी की है। गवाहों ने बयान में कहा है कि उन्होंने तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के शारीरिक गलत हावभाव को भी देखा था। अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपी सिंह और विनोद तोमर को समन जारी कर 18 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया था।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.