भारतीय रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के सहायक सचिव विनोद तोमर (Vinod Tomar) की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. 6 महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के साथ तोमर के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में बताया गया है कि विनोद तोमर पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की तरह तरह से मदद करते थे. तोमर की यही कोशिश रहती थी कि जब भी कोई महिला रेसलर बृजभूषण से मिलने जाए तो, वह अकेली हो.
चार्जशीटके मुताबिक, जब शिकायत करने वाली पहलवान तीन अलग अलग मौकों पर बृजभूषण शरण सिंह से मिलने दिल्ली के अशोक रोड पर स्थित ऑफिस में गईं तब वे अकेली थीं. एक मामले में महिला पहलवान के पति और दूसरे मामले में पहलवान के कोच को जानबूझकर रोक दिया गया. तोमर डब्ल्यूएफाई के साथ 2 दशक से ज्यादा समय से जुड़े हुए हैं. उनपर आईपीसी की धारा 506 (डराना, धमकाना), सेक्शन 109, 354 और 354 ए के तहत मुकदमा दर्ज है. हालांकि इन सबके बीच तोमर ने खुद को निर्दोष बताया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक तोमर ने पूछताछ के दौरान इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है. चार्जशीट में कहा गया है कि शिकायत करने वाली एक पहलवान (161 और 164 के तहत बयान दर्ज कराया है) ने आरोप लगाया है कि वह अपने पति के साथ बृजभूषण शरण सिंह से मिलने दिल्ली के डब्ल्यूएफआई ऑफिस गई थीं लेकिन उन्हें बृजभूषण से अकेले मिलने दिया गया. विनोद तोमर ने उनके पति को ऑफिस के अंदर जाने से रोक दिया. उसी दिन बृजभूषण ने यौन शोषण किया. अगले दिन फिर महिला पहलवान के पति को बाहर रोक दिया गया और बृजभूषण ने फिर यौन उत्पीड़न किया.’ ये दोनों घटनाएं साल 2017 की हैं.
एक अन्य महिला पहलवान ने आरोप लगाया है कि जब वह बृजभूषण से मिलने ऑफिस में पहुंची तक उसके कोच को जानबूझकर रोक दिया गया. साल 2022 में दूसरी महिला रेसलर के साथ भी यही हुआ. महिला रेसलर के कोच को ऑफिस के बाहर ही रोक दिया गया. तब विनोद तोमर ने महिला पहलवान को बृजभूषण चैंबर के अंदर ले गए. जब पहलवान कमरे में पहुंची तो दरवाजा बंद हो गया और उसका यौन उत्पीड़न हुआ.
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