महवा में फायरिंग मामले में राज्यसभा सांसद ने पुलिस पर गलत बयान बाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस गलत बयान बाजी कर रही है घटनास्थल पर कारतूस मिलने का कारण पुलिस समझा दे. मृतक के मरने से 15 मिनट पहले फोन आया था जो हमारी रिकॉर्ड में है जिसमें यह कहा गया था हम को बचा लो वरना आज हम मारे जाएंगे उनमें से एक मारा गया इसलिए एसपी से मिलकर उन्होंने बताना है कि इसको एक्सीडेंट मानकर रफा-दफा ना करें इसमें षड्यंत्र हुआ है जिसके चलते यह मामला संदिग्ध है इसकी जांच गहराई से कराई जाए केवल एक्सीडेंट बताने से काम नहीं चलेगा। घटनास्थल पर एक कारतूस जिंदा मिला है वही एसपी वन्दिता राणा ने प्रेस वार्ता कर बताया है कि घटना स्थल पर बाइक टूटी हालत में मिली है जीप के ड्राइवर को ट्रेस कर उससे पूछताछ की गई है जिसमें उसने बताया कि वह सवारी लेकर आ रहा था और सवारियां भी बिठा रहा था। इस पूरे मामले में फायरिंग जैसी कोई बात सामने नहीं आई। इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई जो अलग-अलग एंगल से जांच की गई है अब तक जांच में सामने आया है उसमें पूरा मामला एक्सीडेंट का ही पाया गया है। मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद और क्लियर हो जाएगा कि मामला किस तरह का है किस तरह मृतक की मृत्यु हुई है। एसपी राणा ने बताया कि घटनास्थल पर एक जिंदा कारतूस मिला है उसी के चलते यह माना जा रहा था कि कहीं फायरिंग की वजह से इसकी मौत तो नहीं हुई लेकिन पूरा मामले की जांच करने के बाद फायरिंग जैसी कोई बात नहीं है। पुलिस को घटनास्थल पर मृतक के आई चोट देखने के हिसाब से उन्होंने जो सामने आया उसी हिसाब से पुलिस ने बयान दिया है लेकिन जांच के बाद कहीं भी उसके गोली के निशान नहीं है। इस पूरे मामले में शव का पोस्टमार्टम कराया गया डॉक्टर से रिपोर्ट के आधार पर मामला एक्सीडेंट का सामना है और मृतक घटनास्थल पर किस तरह से पहुंचा क्या उसका आने का रीजन था इसे मामले की पुलिस जांच कर रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कुछ इस मामले में कहा जा सकेगा।
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