जयपुर (संदीप अग्रवाल): अलवर के सरिस्का में बाला किला बफर जोन इन दिनों बाघ एसटी-18 और बाघिन एसटी- 19 सहित दोनों शावकों को काफी रास आ रहा है। क्योंकि पैदा होने के बाद यह दोनों शावक और उससे करीब 2 वर्ष पूर्व से ही बाघ एसटी 18 और एसटी 19 ने यहां अपने टेरिटरी बनाई हुई है।
अब यह दोनों शावक पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। बीती देर रात एक शावक ने प्रताप बांध नाके से रावण देवरा की ओर जा रही सड़क पर एक सांड का शिकार किया जिसका उस सड़क पर से गुजरने वाले लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जारी किया है। यह शिकार प्रताप बांध चौकी से कुछ ही दूरी पर किया गया है।
दूसरे टाइगर शावक ने सांभर का किया शिकार
वहीं, दूसरे शावक ने बाला किला जा रहे रोड के मोड पर एक सांभर का शिकार किया है। जानकारी के अनुसार दोनों बाघ और दोनों शावक जंगल को अपने टेरिटरी बना चुके हैं और यह पर्यटकों को आसानी से दिखाई दे रहे हैं। जिसके चलते अब यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। सरिस्का प्रशासन ने भी इन दोनों बाघों की मॉनिटरिंग भी बढ़ा दी है।
लेकिन इस बाघ फैमिली के सरिस्का से बाहर आकर आबादी क्षेत्र में घुसने का भी डर लोगों को हो गया है। जंगल से बाहर आकर जिस तरह सड़क पर सांड का शिकार किया गया है उससे लोगों में डर है कि कहीं उनको और मवेशियों को ये टाइगर नुकसान ना पहुंचा दे।
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