बेंगलुरु {Edited By: Sandeep Agarwal}: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बंपर जीत और प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद अब कांग्रेस जल्द ही सीएम के नाम की घोषणा कर देगी. इसे लेकर कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में सभी विधायकों ने पर्यवेक्षकों के सामने अपने-अपने विचार किए हैं. अब आलाकमान को फैसला लेना है कि कर्नाटक में किसका राजतिलक होगा? अब सवाल उठता है कि क्या आलाकमान डीके शिवकुमार को बर्थडे गिफ्ट देगा या सिद्धारमैया के पावर शेयरिंग फॉर्मूले पर चलेगा। ये आने वाले दो तीन दिनों में पता चल जाएगा. आइये समझे हैं कि दोनों नेताओं में किसका पलड़ा भारी है?
DK को मिल सकता है बर्थडे गिफ्ट
कर्नाटक मुख्यमंत्री की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नाम सबसे आगे हैं. कुछ विधायकों की पहली पसंद सिद्धारमैया है तो कुछ का शिवकुमार। समर्थकों ने भी अपने-अपने नेताओं के लिए भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए हैं. कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार का आज जन्मदिन है. सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि कांग्रेस आलाकमान शिवकुमार को बर्थडे गिफ्ट के रूप में सीएम पद सौंप दे. मुख्यमंत्री फेस के लिए शिवकुमार का पक्ष काफी मजबूत है. कांग्रेस आलाकमान पिछले 3 सालों में उनके द्वारा किए गए प्रयासों से वाकिफ है. साथ ही सूबे में पार्टी के वफादार सिपाही के तौर पर उनकी एक अलग ही छवि है. हालांकि, इसे लेकर कोई भी कांग्रेसी नेता कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद अब सिद्धारमैया और शिवकुमार को दिल्ली बुलाया गया है. इसे लेकर डीके शिवकुमार ने मीडिया से कहा कि हमने एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर दिया है. अब हम इसे पार्टी के शीर्ष नेताओं पर छोड़ दिया है. आज मेरा जन्मदिन है तो यहां पर मंदिर जाकर पूजा करूंगा, इसलिए मैंने दिल्ली जाने का फैसला नहीं किया है. आपको बता दें कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेताओं के चयन को AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्णय पर छोड़ने का फैसला किया गया.
जानें सिद्धारमैया का क्या है फॉर्मूला
सूत्रों का कहना है कि सिद्धारमैया ने कांग्रेस अलाकमान को पॉवर शेयरिंग का फॉर्मूल सुझाया है. इस फॉर्मूल के हिसाब से पहले दो सालों तक सिद्धारमैया सीएम रहेंगे और बाद में तीन साल तक डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे. सिद्धारमैया का कहना है कि वे काफी उम्रदराज हो गए हैं, इसलिए वे लोकसभा चुनाव 2024 तक पहले चरण में सरकार चलाना चाहते हैं. हालांकि, शिवकुमार ने उनके इस फॉर्मूला को सिरे से खारिज कर दिया है.
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