जयपुर {Edited By: Sandeep Agarwal}: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आती जा रही हैं. ऐसे में समाज, संगठनों की विभिन्न मांगे सामने आने लगी है. यहीं नहीं इसके लिए राजपूत और ब्राम्हण समाज भी हुंकार भर चुके हैं. अब एक मांग और पुरजोर तरीके से फिर से उठी है. यहां हम फिर से इसलिए कह रहे क्योंकि यहीं मांग वर्ष 2016 में भी उठी थी और अब उठी है.
यह मांग है जनजाति उपयोजना क्षेत्र के लोगों को जनसंख्या में अनुपात में 73% आरक्षण दिया जाए. इसके लिए उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा शहर में बड़ी संख्या में रैली निकाली गई है. वहीं सभा भी हुई जिसमें आरक्षण की पुरजोर तरीके से मांग उठाई गई और मांग पूरी नहीं होने पर सरकार को चेतावनी भी दी गई है.
हजारों की संख्या में निकले युवक
यह रैली बांसवाड़ा शहर में निकली जिसमें हजारों की संख्या में युवा शामिल हुए. यहां आरक्षण की मांग में इतना बड़ा संख्याबल इसकिये क्योंकि इस मांग के समर्थन में आदिवासी का एक बड़ा वर्ग है. यह चाहते हैं कि जनसंख्या में आधार पर 73% आरक्षण मिलें. इधर रैली निकलते हुए खेल मैदान पहुंची और यहां बड़ी सभा हुई. इसमें नौकरियों और पदोन्नति में 73% आरक्षण की मांग की. महारैली में केंद्रीय कमेटी के सलाहकार प्रो कमलकांत कटारा ने कहा कक आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए जनसंख्या में आधार पर आरक्षण आवश्यक है.
एक ही मंच पर सभी पार्टी के नेता
महारैली के बाद खेल मैदान ने महासभा हुई, जिसमें मंच साझा करने में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और भारतीय ट्राइबल पार्टी के पदाधिकारी उपस्थित थे. बीजेपी के पूर्व संसदीय सचिव भीमा डामोर, बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेला राम घोघरा, कांग्रेस के उप जिला प्रमुख विकास बामनिया उपस्थित थे. इसमें आरक्षण की मांग करने वालो ने चेतावनी दी कि अगर मांग पूरी नहीं होगी तो सभी पार्टियों का बहिष्कार किया जाएगा.
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