जयपुर {Edited By: Sandeep Agarwal}: बिहार में पिछले पांच दिनों से 'पागल’ शब्द की कई तरह से चर्चा हुई। बागेश्वर धाम वाले बाबा ने बिहार में अपने आसपास उमड़ी भीड़ को देखकर एक बार बिहार के पागलों बोला और फिर ऐसा कई बार अलग-अलग तरीके से बोलते सुनाई-दिखाई दिए। कथा वाचन के दौरान बाबा ने कह, "कैसे हो बिहार के पागलों...अगर हमें पता रहता कि इतने पागल बिहार में हैं तो हम पहले ही चले आते।" अब बुधवार को बिहार में हनुमंत कथा के अंतिम शाम में उन्होंने जाते-जाते 'पागल’ की परिभाषा भी बताई। यह परिभाषा उन्होंने इसलिए भी बताई, क्योंकि उनके आने के पहले एयरपोर्ट पर उन्हें रोकने का एलान करने वाले राज्य के वन-पर्यावरण मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इसे बिहारियों के साथ भद्दा मजाक बताया था।
जानिए, क्या बताई बाबा ने पागल की परिभाषा
बागेश्वर धाम सरकार के पंडित शास्त्री ने बुधवार को पटना के नौबतपुर में हनुमंत कथा के समापन के समय बता दिया कि उन्होंने बिहारियों की श्रद्धा को देखकर पागल कहा था। परिभाषा भी बताई- "जो प्रभु को पाकर उनमें गल जाएं, उसे ही कहते हैं पागल।" पंडित शास्त्री के आसपास बिहार के राजनीतिज्ञों की सक्रियता से कई बातें उठी हैं, जिनमें से अभी सनातन वोटरों को जगाने और हिंदू राष्ट्र बनाने की बात निकली है तो आगे तक जाने वाली भी दिख रही है। सनातन वोटरों के तिलक लगाकर निकलने पर हिंदू राष्ट्र का संकल्प पूरा होने की बात पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक तल्ख जवाब दे चुके हैं। इस बीच तेज प्रताप यादव ने बिहारियों को पागल कहे जाने पर भी एतराज जताया था, जिसका जवाब शास्त्री ने पटना छोड़ने से पहले दे दिया।
तेज ने कहा था- बिहारियों को पगला बोलता है
तेज प्रताप यादव ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को आबा-टाबा बोला, लेकिन बाबा मानने से इनकार किया था। उन्होंने यह भी कहा था- “गजब है! बिहारियों को पगला बोलता है।” यह बातें घूम-फिर कर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कानों तक पहुंचीं तो उन्होंने जाते-जाते स्पष्ट किया कि उनकी नजर में पागल कौन है और वह क्यों पागल बोल रहे थे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.