राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों के साथ चिकित्सक ही सुरक्षित नहीं है. हाल ही में छत का प्लास्टर गिरने से दो डॉक्टर्स घायल हो गए. ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि जब मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर्स ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा. दरअसल देर शाम एसएमएस हॉस्पिटल में छत से उखड़े प्लास्टर ने रेजिडेंट डाक्टरों को ही घायल कर दिया. मरीजों की देखभाल कर रहे 2 रेजिडेंट के ऊपर छत से गिरे प्लास्टर ने सिर पर गहरे घाव कर दिए.
प्रदेश में बीते कई दिनों से बारिश का दौर जारी है. प्रदेश की राजधानी जयपुर में इस बारिश का असर देखने को मिल रहा है. शहर में हो रही तेज बारिश के दौरान हॉस्पिटल के सर्जिकल आईसीयू वार्ड में छत से भरभराकर प्लास्टर गिर पड़ा, जिससे नीचे काम कर रहे रेजिडेंट्स जख्मी हो गए. हालांकि गनीमत यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. मगर इससे अस्पताल प्रबंधन सीख लेने को तैयार नहीं है.
एसएमएस अस्पताल की सर्जिकल आईसीयू में अचानक छत से प्लास्टर गिरने के कारण दो रेजीडेंट डॉक्टरों को सिर में गंभीर चोट आई है. शाम की बारिश के दौरान प्लास्टर गिरने से यह हादसा हुआ है. इससे सवाल उठने लगा है कि करोड़ों का टेंडर होने के बावजूद इस तरह प्लास्टर कैसे गिर रहे है. इससे पहले भी कई बार वार्ड के प्लास्टर गिर चुके है. गनीमत रही कि किसी तरीके का बड़ा हादसा नहीं हुआ.
बरसो पुरानी हो चुकी एसएमएस हॉस्पिटल की इमारत में यह पहला हादसा नहीं है, जब ऐसा कुछ हुआ हो इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है. हॉस्पिटल के रिनोवेशन के लिए भले ही करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हो, लेकिन बावजूद इसके छत से प्लास्टर टूटने की घटनाएं आम होती जा रही है. इससे यहां आने वाले प्रदेशभर के मरीजों को और उनके तीमारदारों के लिए भी असुरक्षा बनी रहती है तो वहीं डॉक्टर को भी हर वक्त बारिश के दौरान इस तरह की घटनाएं होने का भय सताता रहता है. बता दें हॉस्पिटल की बुनियाद साल 1934 में डाली गई थी.
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