उत्तराखंड में मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा गार्ड के बैरक में कमांडो प्रमोद रावत की गुरुवार दोपहर 2 बजे संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई. गोली गर्दन के नीचे लगी इसलिए पुलिस सुसाइड और एक्सीडेंटल दोनों कारणों को देखते हुए जांच कर रही है. सरकारी एके-47 राइफल की गोली कमांडो के गर्दन को छेदती हुई दीवार में घुस गई. हालांकि, बात ये भी कही जा रही है कि कमांडो ने आत्महत्या की है. लेकिन, पुलिस फिलहाल इसे दुर्घटना मान रही है.
प्रमोद रावत के मोबाइल की जांच से लेकर पुलिस उनकी पत्नी और परिवार के सदस्यों के साथ साथ दोस्तों से भी पूछताछ कर रही है. उनकी राइफल को भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. प्रमोद कुमार मूल रूप से पौड़ी के कफोलस्यू पट्टी के अगरोड़ा गांव के रहने वाले थे. वर्ष 2007 में वो पीएसी में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. साल 2016 में उनका चयन मुख्यमंत्री सुरक्षा में कमांडो के तौर पर हुआ था.
बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार सुबह ही ड्यूटी से लौटे थे. इसके बाद फिर उन्हें सीएम की सुरक्षा में कुमाऊं जाना था. वह तैयार होकर अपनी बैरक में आ गए. दो बजे अन्य साथियों के साथ ड्यूटी के लिए निकलना था. प्रमोद के साथी उन्हें फोन कर रहे थे. लेकिन, कोई जवाब नहीं मिलने पर जब एक साथी ने बैरक में जाकर देखा तो वह बेड पर पड़े थे. उनके गले में गोली लगी थी. नीचे फर्श पर उनकी सरकारी एके-47 पड़ी थी. साथी ने ही कैंट थाना पुलिस को जानकारी दी, अब पुलिस मामले में जांच में जुटी है.
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