पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में हरियाणा की हिस्सेदारी को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह मामला एक बार फिर से तूल पकड़ सकता है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा राज्य का हिस्सा दिया गया था, इसलिए हरियाणा राज्य के कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए. हालांकि इस मामले में 5 जून को दोबारा से बैठक होगी, लेकिन इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह दावा जताते हुए कहा है कि यह यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत है और इसमें कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पीयू को मिलने वाली ग्रांट को लेकर था. चूंकि संस्थान की माली हालत ठीक नहीं है. पंजाब सरकार पिछले 3 दशकों से पंजाब यूनिवर्सिटी को ग्रांट जारी करती आई है. जबकि हरियाणा ने 1990 में पीयू को ग्रांट देनी बंद कर दी थी. यूनिवर्सिटी का संचालन केंद्र सरकार और पंजाब की ग्रांट के सहारे ही चल रहा है. अब यदि यूनिवर्सिटी को हरियाणा ग्रांट देना शुरू कर देता है तो इसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है. इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है. साथ में हरियाणा के सीएम ने अब कॉलेजों की संबद्धता का भी मुद्दा उठाया है.
बैठक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य और इसके लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है. भगवंत मान ने यूनिवर्सिटी से जुड़े तथ्यों को मजबूती के साथ दर्ज करते हुए कहा कि इस संस्थान के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रांतीय महत्व को देखते हुए इसका पंजाब के लोगों के साथ दिल और भावनात्मक रिश्ता है. उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की विरासत का प्रतीक है. भगवंत मान ने कहा कि पंजाब राज्य का पंजाब यूनिवर्सिटी का मौजूदा कानूनी और प्रबंधकीय दर्जा बहाल रखा जाना चाहिए.
भगवंत मान ने याद दिलाया कि वर्ष 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी को संसद द्वारा लागू किए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 की धारा 72 (1) के अधीन ‘इंटर स्टेट बॉडी कॉरपोरेट’ घोषित किया गया था. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी अपनी शुरुआत से लेकर पंजाब में अपना कामकाज लगातार और बिना किसी बाधा के कर रही है.
गौरतलब है कि पीयू को बंटवारे के बाद लाहौर से होशियारपुर स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके बाद पंजाब की मौजूदा राजधानी चंडीगढ़ में इसकी स्थापना की गई. इस समय पंजाब में 175 कॉलेज यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त हैं और यह कॉलेज फाजिल्का, फिरोजपुर, होशियारपुर, लुधियाना, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब और एसबीएस नगर में स्थित है.
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