यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी वहां के खाने-पीने की व्यवस्था से काफी परेशान है. इसी को लेकर उसने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कोर्ट में गुहार लगाई है कि उसे जेल में कुरकुरे और बिस्किट खाने हैं. इसलिये इसकी व्यवस्था करवा दीजिये. जिसपर सुनवाई कर रहे जज भी हंस पड़े. वहीं पेशी में मुख्तार अंसारी ने एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले में खुद को बेगुनाह बताया और अपने ऊपर हुए मुकदमे को झूठा बताया. उसने कहा कि उसे गलत तरीके से मुकदमे में फंसाया गया है.
दरअसल, गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में बाहुबली मुख्तार अंसारी की एमपी-एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई. जिसमें विशेष सत्र न्यायाधीश कमल कांत श्रीवास्तव के सामने मुख्तार अंसारी ने खाने की समस्या को लेकर गुहार लगाई. मुख्तार ने कहा कि जेल में वह सूखी रोटी खा-खाकर थक चुका है. इसलिये जज साबह! जेल में मेरे लिये कुरकुरे-लजीज बिस्कुट के साथ ही खाने पीने का दूसरा सामान और फल की मेरे वकील नसीम हैदर के माध्यम से व्यवस्था करवा दीजिये. जिस पर जज साहब भी हंस पड़े. बता दें कि इससे पहले की पेशी में भी मुख्तार अंसारी ने जेल में केले और लखनऊ के लजीज आम की डिमांड की थी, जो उसे कोर्ट के आदेश पर मिला भी.
वहीं मुख्तार अंसारी ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि बांदा जेल में उसपर काफी सख्ती हो रही है. 19 मई को डीएम-एसपी बैरक में छापा मारने के बहाने उसकी जरूरी फाइलें भी उठा ले गए और फर्जी पेपर के जुर्म में IPC की धारा 419, 420 के तहत मुकदमा भी दर्ज करवा दिया. वहीं बाराबंकी में मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन के मुताबिक राज्य सरकार मुख्तार अंसारी को खाने पीने का सामान उपलब्ध नहीं करवा रही है. मुख्तार अब बुजुर्ग और बीमार है. इसीलिये मुख्तार ने कोर्ट में गुहार लगाई है कि उसे खाने के घरेलू सामान उपलब्ध करवाए जाएं.
पेशी के दौरान कोर्ट में मुख्तार अंसारी के तीन वकील मौजूद थे, जिसमें लखनऊ के वकील निमेष, बांदा से आए नसीम हैदर और बाराबंकी के रणधीर सिंह सुमन शामिल हैं. वहीं पेशी में बहस के बाद जज कमलकांत ने आदेश को सुरक्षित कर लिया और 5 जून को मामले में फैसला देने की तारीख लगाई है. 5 जून को यह फैसला मुख्तार अंसारी पर लगी धाराओं को हटाने या ना हटाने पर होगा.
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