मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए राजनीतिक पार्टियां हर वर्ग और हर उम्र के लोगों को साधने की कोशिश कर रही हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने आईटी प्रोफेशनल युवाओं पर फोकस करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने बेंगलुरु की तर्ज पर पूरे प्रदेश को आईटी हब बनाने का दावा किया है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस का चुनाव लड़ने का अपना तरीका है. जाति और मंदिर मस्जिद के आधार पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा.
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कर्नाटक में नकली विकास का पिटारा जनता ने खोल दिया. कमलनाथ का विजन साफ है. मध्य प्रदेश को आईटी हब के रूप में नई पहचान दी जाएगी. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के इस दावे पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा है कि शिवराज सरकार में नामचीन कंपनियों ने प्रदेश को नई पहचान दी है. कांग्रेस अपना आईटी सेल नहीं चला पा रही. वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है. प्रदेश की जनता कांग्रेस को नकार चुकी है. ऐसे में प्रदेश को आईटी हब बनाने का दावा कांग्रेस का सिर्फ चुनावी जुमला है.
गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश का इंदौर शहर आईटी हब के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है. यहां टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, यश टेक्नोलॉजी के बड़े कैंपस आने के बाद कई दूसरी आईटी कंपनियां भी दिलचस्पी दिखा रही हैं. हाल ही में एक और आईटी कंपनी ने कैंपस बनाने के लिए जमीन की मांग की है. एलएंडटी इन्फोटेक इंदौर में अपना नया कैंपस शुरू करने की तैयारी कर रही है. कंपनी जनता को सॉफ्टवेयर समेत कई तरह की सेवाएं दे रही है. इंदौर शहर में आईटी हब का सुपर कॉरिडोर तैयार हो रहा है.
बताया गया है कि अगले 5 से 7 साल में स्टार्टअप कॉम्प्लेक्स बनने के बाद सुपर कॉरिडोर रोड आईटी हब के रूप में नई पहचान हासिल करेगा. देश दुनिया की बड़ी कंपनी यहां पर कैंपस शुरू कर चुकी हैं. जानकारी के मुताबिक, इंदौर को छोड़ बाकी बड़े शहरों में आईटी प्रोफेशनल्स के लिए संभावनाएं कम हैं. अब बीजेपी कांग्रेस के इस दावे को उसी के खिलाफ चुनाव में इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है.
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