राजस्थान विधानसभा समेत आगामी लोकसभा चुनावों में अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए बीजेपी ने बड़ी रणनीति तैयार की है. इस रणनीति के तहत देशभर में अल्पसंख्यकों के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे ने इसके लिए राजस्थान के हुसैन खान को राष्ट्रीय प्रभारी का जिम्मा सौंपा है. अल्पसंख्यकों को लेकर बीजेपी हमेशा से ही विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रही है. वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद विपक्षी पार्टियों के हमले और तेज हो गए. बीजेपी ने अब कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के हमलों को कुंद करने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर ली है.
बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे को सभी अल्पसंख्यकों को साधने की बड़ी जिम्मेदारी दी है. इस रणनीति के तहत देश के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से सबसे पहले प्रदेश, जिला और फिर मंडल स्तर पर टीमों का गठन किया जाएगा. उसके बाद सूफी संवाद, अल्पसंख्यक प्रबुद्धजन सम्मेलन, पसमांदा सम्मेलन और महिला सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चे ने इसके लिए राजस्थान के हुसैन खान को राष्ट्रीय प्रभारी का जिम्मा सौंपा है.
हुसैन खान ने बताया की आने वाले दिनों में प्रदेश स्तर पर एक संयोजक और चार सह संयोजक बनाए जाएंगे. जिला स्तर पर भी एक संयोजक और चार सह संयोजक बनाएं जाएंगे. उसके बाद मंडल स्तर पर टीमों का गठन किया जाएगा और सह प्रभारी बनाएं जाएंगे. खान ने बताया कि मोदी सरकार की 300 योजनाओं का फायदा 30 से 35 फीसदी अल्पसंख्यकों को मिला है. बीजेपी का दावा है देश में 11 करोड़ शौचालयों में से 2.9 करोड़ अल्प संख्यकों के लिए बने.
इसके साथ ही 9 करोड़ गैस कनेक्शन में से 2.8 करोड अल्पसंख्यकों को दिए गए. 46 करोड़ जनधन खातों में से 30 फीसदी खाते अल्पसंख्यकों के खुले. 80 करोड़ लोगों को बांटे गए राशन में से 30 फीसदी अल्पसंख्यक समाज को मिला है. वहीं मुद्रा लोन में भी 30 फीसदी ऋण अल्प संख्यक को दिया गया है. इस अभियान के दौरान देशभर में 65 अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीटों पर भी विशेष फोकस किया जाएगा. अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीटों पर 5 हजार मोदी मित्र बनाए जाएंगे.
अल्पसंख्यक महा जनसंपर्क अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी हुसैन खान ने बताया कि आने वाले दिनों में दिल्ली में भी बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक लाभार्थियों से संपर्क कर बीजेपी से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सूफी सम्मेलन के तहत दरगाहों पर जाकर भी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. राजनीति के जानकारों के अनुसार इस अभियान के पीछे कई राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी बीजेपी की नजर है. बीजेपी चाहती है कि कई कारणों से होने वाले वोटों के नुकसान की भरपाई अल्पसंख्यक वोटों के जरिए जा सके. इसके लिए इस पूरी रणनीति पर काम किया जा रहा है. इस रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए जल्द की कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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