टिहरी डैम की झील से सटे गांवों में झील के पानी के उतार चढ़ाव के चलते लगातार भूस्खलन और भू-धंसाव हो रहा था. इस कारण करीब 415 प्रभावित परिवार 2012 से पुर्नवास की मांग कर रहे थे. लंबे संघर्ष के बाद केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास के बाद 2021 में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसी )द्वारा प्रभावित गांवों के पुर्नवास के लिए संप्राश्विक क्षति नीति के तहत करीब 252 करोड़ रुपए दिए जाने की सहमति बनी थी, बावजूद कई पीड़ित परिवारों को भुगतान नहीं हो पा रहा था.
दरअसल, भुगतान करने की सहमति के बाद टीएचडीसी द्वारा पहले चरण में पुर्नवास को को नंदगांव, खांड धारमंडल और गडोली के परिवारों के पुर्नवास के लिए 96 करोड़ रूपये जारी किए गए और प्रत्येक परिवार को 74.40 लाख रूपये का भुगतान किया गया. लेकिन, उसके बाद से अन्य प्रभावित परिवार भी पुर्नवास विभाग के चक्कर काट रहे थे, क्योंकि टीएचडीसी द्वारा पैसा जारी नहीं किए गए थे. लेकिन, अब पुर्नवास निदेशक के सख्त रवैये के बाद टीएचडीसी द्वारा 100 करोड़ रुपए दे दिए गए हैं.
पुनर्वास निदेशक सौरभ गहवार का भी कहना है कि टीएटचडीसी की देरी के चलते अन्य परिवारों का पुर्नवास नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब एकमुश्त 100 करोड़ रूपये मिलने से प्रभावित उठड़, भटकंडा, सिल्ला उप्पू के परिवारों का पुर्नावस भी जल्द होगा. वहीं, नीति के तहत अन्य बचे हुए प्रभावित परिवारों के लिए भी पैसा मिलने पर पुर्नवास किया जाएगा. टीएचडीसी द्वारा एकमुश्त धनराशि जारी करने से प्रभावित परिवारों में भी खुशी है और उन्होंने पुर्नवास निदेशक का आभार जताया है.
टिहरी झील प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने भी कहा कि टिहरी डैम की झील के कारण लंबे समय से पुर्नवास की मार झेल रहे इन गांवों के प्रभावित परिवारों को बड़ी राहत मिली है. अब उम्मीद है कि अन्य प्रभावित परिवारों के लिए भी टीएचडीसी द्वारा जल्द धनराशि जारी की जाएगी, जिससे उनका भी पुर्नवास किया जा सके.
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