झारखंड के रामगढ़ जिले में फिल्मी अंदाज में 10 वर्षों के बाद पिता और पुत्र के मिलन की खबर सामने आई है. दरअसल बीते 10 वर्षों से अपने पिता से बिछड़कर रामगढ़ के डिवाइन ओंकार मिशन आश्रम में पल रहे शुभम वर्मा को उसके पिता टिंकू वर्मा ने लंगर में भोजन करते समय पहचान लिया. ऐसे में 10 वर्षों के बाद अपने पुत्र को देखकर पिता टिंकू वर्मा ने बेटे शुभम को गले लगाया और भावुक हो गए. पिता-पुत्र के 10 वर्षों की जुदाई के बाद हुए इस मिलन को देखकर आश्रम के लोग भी आश्चर्यचकित हो गए.
बताया जाता है कि वर्ष 2013 में डिवाइन ओंकार मिशन आश्रम में जिला प्रशासन की टीम ने 3 वर्षीय बच्चे को लाकर रखा था. उस दौरान आश्रम वालों को कुछ भी नहीं पता था कि बच्चा कौन है, कहां से आया है उसका घर है कहां है और उसके माता-पिता कौन हैं? हालांकि बाद में प्रशासन के द्वारा जो पत्र जारी किया गया था उसमें दर्शाया गया बच्चे का नाम शुभम वर्मा है. किसी मामले में फंसे होने की वजह से उसके पिता टिंकू वर्मा जेल में बंद है. जबकि शुभम वर्मा की मां की मौत हो चुकी थी.
शुभाम 2013 से ही डिवाइन ओंकार मिशन आश्रम में रहकर अपना जीवन यापन और पढ़ाई लिखाई कर रहा था. डिवाइन ओंकार मिशन के द्वारा चलाए जाने वाले लंगर प्रसाद सेवा में एक दिन टिंकू वर्मा भोजन करने आए थे. इसी दौरान उन्होंने अपने बच्चे को देखा और पहचान लिया. इसके बाद सारी प्रशासनिक कागजी कार्रवाई करने के बाद शुभम वर्मा को उनके पिता टिंकू वर्मा के हाथों सौंप दिया गया.
आश्रम के संचालक राजेश नागी ने बताया कि पिता और पुत्र के मिलन से वे भी खुश हैं. बच्चे को यहां पर बहुत ही प्यार के साथ रखा गया था.
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