भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो बयानों में यौन उत्पीड़न और स्टॉकिंग का आरोप लगाने के बाद सात महिला पहलवानों में से अकेली नाबालिग ने अपने आरोपों को वापस ले लिया है. नाबालिग ने इस संबंध में दो बयान दर्ज कराए थे. एक पुलिस के सामने और दूसरा मजिस्ट्रेट के सामने.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि 17 वर्षीय पीड़िता ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने एक नया बयान दर्ज कराया है. इस तरह के बयान को न्यायालय के सामने सुबूत माना जाता है. इस बयान का मतलब यह हो सकता है कि यह तय करना अदालत पर निर्भर करेगा कि आरोपों का पालन किया जा सकता है या नहीं और मुकदमा यह तय करेगा कि 164 के तहत किस बयान को प्राथमिकता दी जाएगी.
दिल्ली पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के हवाले से ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के पिता ने कहा था कि वह ‘पूरी तरह से परेशान थी और अब शांति से नहीं रह सकती… आरोपी द्वारा यौन उत्पीड़न की याद उसे हमेशा परेशान करती है’. शिकायत में विस्तार से कहा गया था कि सिंह ने ‘एक तस्वीर क्लिक करने का नाटक करते हुए उसे कसकर पकड़ा, ‘उसे अपनी ओर खींचा, उसके कंधे पर जोर से दबाया और फिर जानबूझकर… उसके स्तनों पर हाथ फेरा’.
नाबालिग ने 10 मई को मजिस्ट्रेट के सामने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाओं का विवरण देते हुए अपना पहला बयान दर्ज कराया था. प्राथमिकी के अनुसार, सिंह पर यौन अपराधों से बच्चों के कड़े संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 10 और आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (स्टॉकिंग) और 34 (सामान्य आशय) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें एक से तीन साल तक की जेल हो सकती है.
यह खबर तब आई है जब ऐसी जानकारी है कि महिला पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. पहलवान बजरंग पूनिया के हवाले से बताया गया कि पहलवानों के प्रतिनिधिमंडल ने शाह से मुलाकात की.
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