मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सात जून से छह जुलाई तक एक कदम सुपोषण की ओर अभियान चलाया जाएगा. अभियान के मद्देनजर गर्भावस्था एवं प्रसव पश्चात पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं को बेहतर पोषण की आवश्यकता होती है.
आगे बताया कि इसके लिए एक कदम सुपोषण की ओर अभियान के तहत सही पोषण के लिए भोजन संबंधी सलाह के साथ सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां गर्भवती और धात्री को उपलब्ध कराती जाती हैं. इससे मां और शिशु स्वस्थ रहें और इन तत्वों की कमी से मां और शिशु को बचाया जा सके.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और समेकित बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को चिन्हित कर सूचीबद्ध करेगा. ताकि सेहत को लेकर उनका फॉलोअप किया जा सके. इसके अलावा इन्हीं गतिविधियों के माध्यम से आईएफए और कैल्शियम के वितरण एवं इन दवाओं के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में लाभार्थियों को बताया जाएगा.
सीएमओ ने बताया कि सरकार का मातृ शिशु स्वास्थ्य पर विशेष फोकस है. यह अभियान मातृ शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए किया जा रहा है. एक कदम सुपोषण की ओर अभियान के तहत आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गंभीर तीव्र अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर पुष्टाहार उपलब्ध कराएंगी और साथ ही चिकित्सकीय प्रबंधन भी कराएंगी.
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