नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने देश भर में ‘डार्क वेब’ के जरिए संचालित किए जा रहे मादक पदार्थ की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने और एलएसडी की अब तक की ‘सबसे बड़ी खेप’ जब्त करने का दावा किया है. एजेंसी ने 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. एनसीबी (एनआर) के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘हमने दो मामलों में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15,000 एलएसडी ड्रग जब्त किया है, जो व्यावसायिक मात्रा से 2.5 हजार अधिक है. इस दवा की व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है.’ अधिकारी ने बताया एलएसडी ड्रग्स एक सिंथेटिक दवा है, जो कि बेहद खतरनाक है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 2 दशकों में ड्रग्स की यह सबसे बड़ी जब्ती है.
एनसीबी अधिकारी ने कहा कि ड्रग्स का यह जाल दिल्ली से लेकर अमेरिका तक फैला हुआ था. उन्होंने कहा, ‘ड्रग्स का यह एक विशाल नेटवर्क था, जो पोलैंड, नीदरलैंड, यूएसए, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था.’ उन्होंने बताया कि नेटवर्क के लोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री के लिए क्रिप्टोकरंसी और डार्कनेट का इस्तेमाल करते थे.
एजेंसी ने कार्रवाई के दौरान 2.5 किलो मारिजुआना, बैंक खातों में जमा 4.65 लाख और 20 लाख रुपये भी जब्त किए हैं. एलएसडी या लिसर्जिक एसिड डाइथिलेमाइड वास्तव में सिंथेटिक रसायन आधारित एक मादक पदार्थ है तथा इसे मतिभ्रमकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
‘डार्क वेब’ का मतलब इंटरनेट में गहराई में छिपे उन मंचों से है जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थ को बेचने, पोर्नोग्राफी सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इंटरनेट पर संचार में गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘अॅनियन राउटर’ की मदद से इन गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन्हें पकड़ न पाएं.
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