भागलपुर को खगड़िया से जोड़ने वाला अगुवानी घाट पुल ध्वस्त होने का मामला अब पटना हाई कोर्ट पहुंच गया है. एक ही पुल के दोबारा ध्वस्त होने को लेकर पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर हो गई है. याचिका में मामले में विभागीय जांच ना करवा कर स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है. इसके साथ ही एसपी सिंगला कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी मांग की गई है.
अधिवक्ता मणि प्रताप सेंगर द्वारा दायर जनहित याचिका में पुल ध्वस्त होने से हजारों करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा होने की बात कही गई है. इसके साथ ही गंगा में बह गई बड़ी रकम की वसूली संबंधित एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी समेत दूसरे दोषियों से करने की भी मांग की गई है. इस बीच सुल्तानगंज अगुवानी पुल हादसे को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आ रही है. घटना के पहले कंस्ट्रक्शन कंपनी एसपी सिंगला के इंजीनियर को 7 घंटे पहले ही पुल गिरने का आभास हो गया था.
मिली जानकारी के अनुसार, कंस्ट्रक्शन कंपनी के सारे इंजीनियर 7 घंटा पहले ही प्लांट में ताला लगाकर फरार हो गए थे. स्थानीय लोगों और सूत्रों की मानें तो पुल में 7 दिन पहले दरार आई थी जिसके बाद इंजीनियर की टीम बुलाई गई थी और इंजीनियर की टीम ने पुल का निरीक्षण किया था.
बताया जा रहा है कि रविवार की शाम यह हादसा हुआ, लेकिन रविवार की दोपहर से ही कंट्रक्शन कंपनी के सारे इंजीनियर और कर्मचारी प्लांट में ताला लगाकर फरार हो गए थे. सवाल उठता है कि पुल में दरार की बात पहले ही पता चल गई थी तो इस पुल को बचाने की कोशिश क्यों नहीं की गई. पुल में दरार की बात क्यों छिपाई गई.
बहरहाल, अब इस मामले में अब नीतीश सरकार भी एक्शन मोड में आती दिख रही है. पुल गिरने के मामले में पथ निर्माण विभाग ने पुल बना रही एजेंसी एसपी सिंगला को शो- कॉज किया गया है. साथ ही एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की कारवाई शुरू हो गई है. विभाग ने एजेंसी को 15 दिनों में नदी से मलवा हटाने को कहा है.
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