क्या नीतीश कुमार का नेतृत्व कांग्रेस को मंजूर नहीं? इनसाइड स्टोरी

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोधी दलों की बैठक आगामी12 जून को नीतीश कुमार के नेतृत्व में पटना में होने वाली थी. इसको लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी भी हो चुकी थी. केन्द्र सरकार के खिलाफ विभिन्न पार्टियों के प्रमुख नेताओं को इसमें आने के लिए निमंत्रण दे दिया गया था. होटल बुंकिग और पटना के ज्ञान भवन में मीटिंग होगी, यह भी तय हो चुका था. लेकिन, नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ कहा कि अभी इसे रद्द कर दिया गया है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे का एक बड़ा कारण कांग्रेस का रुख बताया जा रहा है.

दरअसल, इस बैठक में कांग्रेस की ओर से शीर्ष तीनों नेता राहुल गांधी, सोनियां गाधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने आने से मना कर दिया था. इनकी जगह पर पार्टी की ओर से बैठक में कौन आएगा ये भी तय नहीं था. ऐसे में नीतीश कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस बैठक में सभी दलों के शीर्ष नेता को शामिल होना है. अगर बैठक में शीर्ष नेता के नहीं आकर कोई दूसरे प्रतिनिधि आएंगे तो ये ठीक नहीं है. इसलिए फिलहाल इसे रद्द कर दिया गया है.

बताया तो यह भी जा रहा है कि अन्य दलों के बड़े नेताओं को भी यह मंजूर नहीं था कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बदले कोई और आए. नीतीश कुमार जब मीडिया से बात कर रहे थे तो उनका सीधा इशारा भी राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ ही था. मिली जानकारी के अनुसार, जब से 12 जून को पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक की बात सामने आई थी, उसके बाद से कांग्रेस के बड़े नेता असहज महसूस कर रहे थे.

जानकारों के अनुसार, कांग्रेस चाहती थी की पहले तो यह बैठक 12 जून को नहीं हो, क्योंकि इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सदस्यता रद्द हुई थी. दूसरा यह कि बैठक पटना में नहीं होकर देश किसी अन्य राज्य में हो, जहां कांग्रेस कम्फर्ट है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता ऐसा इसलिए चाह रहे हैं कि देशभर में यह मैसेज न चला जाए कि कांग्रेस नीतीश कुमार के शरण में चली गई है. लिहाजा कांग्रेस के बड़े नेता पहले दिन से ही बैठक में आने से कन्नी काटने लगे थे.

सत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब अगली बैठक 23 जून को होगी और यह बैठक पटना के जगह शिमला में हो सकता है. नीतीश कुमार के मुताबिक, 12 जून को होने वाली बैठक में सभी विपक्षी दलों का समर्थन आ गया था. बहरहाल, हकीकत यही है कि बैठक रद्द हो चुकी है. अब इसको लेकर भाजपा नीतीश कुमार पर कटाक्ष कर रही है.

पटना में होने वाली बैठक रद्द होने के बाद पूर्व मंत्री व बीजेपी के विधायक नितिन नवीन ने कहा कि नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ बिहार में सरकार में थे तो वो अगुआ के तौर पर थे, लेकिन अब वो कांग्रेस के पिछल्लगू हो गए हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार का पीएम बनने का ख्वाब भी एक बार फिर अधूरा ही रह जाएगा, यह तय है.

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