राजधानी लखनऊ के सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान उम्रकैद की सजा काट रहे संजीव माहेश्वरी उर्फ़ जीवा की दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी शासन द्वारा हाल ही में जारी माफियाओं की लिस्ट में 15वें नंबर पर था. पुलिस के मुताबिक मुजफ्फरनगर का रहने वाला संजीव माहेश्वरी ने वर्ष 1991 में पहली बार अपराध की दुनिया में कदम रखा और पीछे मुड़कर नहीं देखा.
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा प्रदेश में चिन्हित 66 माफिया में से 15वें नंबर पर था. ये सूची हाल ही में पुलिस ने जारी की थी. पश्चिम यूपी से लेकर उत्तराखंड तक जीवा का खौफ था और आजकल जेल से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा था.
मुजफ्फरनगर निवासी संजीव उर्फ जीवा ने वर्ष 1991 में मुजफ्फनगर में पहला अपराध किया था. तब उसके खिलाफ कोतवाली नगर में मारपीट का केस दर्ज किया गया था. उसके केस में वह दोषमुक्त भी हो चुका था. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक संजीव के खिलाफ मुजफ्फरनगर में 17, उत्तराखंड में 5, गाजीपुर, फर्रूखाबाद और लखनऊ में एक-एक केस मिलाकर कुल 25 मामले दर्ज हैं.
संजीव पिछले दो दशक से सलाखों के पीछे था. उसको बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड और हरिद्वार के एक हत्या के केस में सजा हा चुकी थी. 10 जून 2019 में मैनपुरी से लखनऊ जेल शिफ्ट किया गया था.
तब से वह लखनऊ जेल में बंद था. उसको हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था, जहां सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी हो रही थी.
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