राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के विधायक ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को सत्ता का मोह छोड़ देना चाहिए. युवाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे तो प्रदेश का सियासी नक्शा बदल जाएगा.
राजस्थान की सियासत में बुधवार को भीषण गर्मी के बीच सियासी पारा बढ़ता नजर आया. अपने बयानों से अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले पूर्व मंत्री और सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने सीएम अशोक गहलोत को ही नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को सत्ता का मोह छोड़ देना चाहिए. युवाओं को आगे बढ़ाने की घोषणा करें प्रदेश का सियासी नक्शा बदल जाएगा. साथ ही उन्होंने सत्ता को शराब के नशे से भी ज्यादा खतरनाक बताया और कहा कि माया का मोह कहां आसानी से छूटने वाला है.
विधायक भरत सिंह ने इशारों इशारों में मंत्री प्रमोद जैन भाया को मुख्यमंत्री के सपोर्ट होने का दावा करते हुए कहा कि गलत आदमी को राजी रखने के लिए जहर पीना पड़ता है. इस मामले में तो मुख्यमंत्री नीलकंठ बने हुए हैं. भरत सिंह ने ऐलान किया कि 20 अगस्त को सांगोद में एक बड़ी रैली करेंगे जिसमें सचिन पायलट को भी बुलाया है. उन्होंने प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा और अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी बुलाया है. मुख्यमंत्री को भी निमंत्रण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर इनमें से कोई भी नहीं आएगा तो वह अकेले ही जनता के साथ मिलकर यह रैली निकालेंगे.
भरत सिंह के बयान पर प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि बड़ों को खुद सत्ता का मोह छोड़ने की पहल करनी चाहिए. उन्हें उदाहरण पेश करने चाहिए. उन्होंने कहा राजनीति में उम्र की कोई सीमा तय नहीं हो सकती. बड़ों को घर से थोड़े ही निकाल सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस युवाओं को भी लगातार आगे बढ़ाती रहती. गौरतलब है कि उम्र हमेशा सियासत में बहस का विषय रही है. यही वजह है कि अब प्रदेश में चुनाव से पहले राजनीति तेज हो गई है.
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