रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच लंबे वक्त से चला आ रहा गतिरोध भले ही धरने के खत्म होने के बाद थमता दिख रहा है. लेकिन, इस मामले में अब रोज नए खुलासे हो रहे. हाल ही में नाबालिग पहलवान के पिता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में ये कबूला था कि उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी. क्योंकि वो बेटी के सेलेक्शन न होने से नाराज थे और उन्होंने बदले की नीयत से शिकायत दर्ज कराई थी.
जब बृजभूषण शरण सिंह से इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें इस मामले पर कुछ नहीं कहना है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. सरकार ने भी ये वादा किया है कि पुलिस 15 जून तक चार्जशीट दाखिल करेगी. पहले इसे हो जाने दीजिए. 15 जून के बाद अगर बोलने की जरूरत हुई तो जरूर अपनी बात रखूंगा. फिलहाल, मुझे नहीं लगता कि इस मसले पर कुछ भी बोलना चाहिए.”
नाबालिग पहलवान की शिकायत के बाद से ही पॉक्सो कानून के तहत WFI प्रेसिडेंट के खिलाफ जांच होने लगी थी. जब नाबालिग के पिता से ये सवाल पूछा गया कि वो पहली कही बात से अब क्यों पलट रहे हैं तो उन्होंने पिछले साल हुई एक घटना का जिक्र करते हुआ कहा था कि 2022 में एशियन अंडर-17 चैंपियनशिप के ट्रायल हुए थे, जिसमें उसकी नाबालिग बेटी फाइनल में हारने के बाद भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाई थी. उन्होंने रेफरी के फैसले के लिए बृजभूषण को दोषी ठहराया था.
नाबालिग लड़की के पिता ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में आगे कहा था, “बदले की भावना में उन्होंने बृजभूषण सिंह के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई, अब गलती सुधारना चाहते हैं. सरकार ने पिछले साल हुए ट्रायल में उनकी बेटी की हार की निष्पक्ष जांच का वादा किया है, इसलिये ही उन्होंने सच बोलने का फैसला किया है.
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