गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी ऊर्फ जीवा की पत्नी पायल महेश्वरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. लखनऊ के कोर्ट परिसर में जीवा की हत्या के बाद उसकी पत्नी ने अंतिम संस्कार में में हिस्सा लेने के लिए गिरफ्तारी से राहत दिए जाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि कल ही संजीव माहेश्वरी का अंतिम संस्कार हुआ. मगर जीवा की पत्नी ने उसमे हिस्सा नही लिया. जीवा के बेटे ने उसका अंतिम संस्कार किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब अंतिम संस्कार हो चुका है, तो ऐसे में जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है. हम इस मामले को जुलाई में सुनेंगे.
जीवा की पत्नी पायल महेश्वरी के वकील ने 13 दिनों की अंतिम क्रिया में शामिल होने के लिए गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पायल माहेश्वरी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले की तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. इस मामले की नियमित बेंच के पास सुनवाई होगी. यूपी सरकार की ओर से पायल माहेश्वरी के बारे में सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि जब जीवा जेल में था, उस दौरान पायल ही पूरे गैंग को लीड कर रही थी.
संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की मांग करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जीवा की पत्नी ने अदालत से कहा कि उसे डर है कि उसकी भी हत्या हो सकती है. पायल पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी आरोप लगाए गए हैं. गौरतलब है कि संजीव माहेश्वरी जीवा बीजेपी विधायक ब्रम्हा दत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में आरोपी था. उसका नाम बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में भी आया था. संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. वह मुख्तार अंसारी के संरक्षण में अपने गिरोह का संचालन करता था. जीवा पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होने वाली आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था.
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