मध्य प्रदेश के सतना जिले में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है. लगभग हर गांव में शराब चोरी छिपे बेची जा रही है. शराब क्षेत्र की लाइसेंसी दुकानों से पैकारी कर गांव-गांव पहुंचाई जा रही है. मगर जिले का एक गांव ऐसा है, जहां गांव की महिलाएं शराब के अवैध धंधे के खिलाफ लट्ठ लेकर खड़ी है, जो काम पुलिस और आबकारी विभाग नही कर रहा वो काम पंचायत की महिलाएं कर रही हैं.
गांव की महिलाओं द्वारा मूसरमार सेना का गठन किया गया है और गांव में शराब बेचना और पीना दोनों प्रतिबंधित कर रखा है. इसका जीता-जागता उदाहरण उस समय देखने को मिला जब शराब तस्कर गांव में शराब लेकर पहुंचे. दरअसल बुलेरो वाहन में लोड कर शराब कारोबारी बड़ा इटमा गांव में शराब लेकर पहुंचे थे. इस दौरान जब यह बात सेना की महिलाओं को पता चली तो वह उन पर लठ्ठ लेकर टूट पड़ी और तस्करों को जान बचाकर भागना पड़ा, लेकिन शराब और वाहन सेना के हाथ लग गया, जिसके बाद महिलाओं ने शराब को नष्ट कर वाहन पुलिस के हवाले कर दिया.
सतना जिले के रामनगर जनपद के ग्राम पंचायत बड़ा इटमा में मूसरमार सेना ने गांव में अवैध शराब की पैकारी करने आए वाहन और तस्करों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. सेना की इन महिलाओं की पैनी नजर से तस्कर बच नहीं पाए और समूह बनाकर महिलाओं ने वाहन को रोक लिया और तस्करों की लट्ठ से पिटाई कर दी. शराब लेकर आए तस्कर वाहन छोड़ रफूचक्कर हो गए. वहीं वाहन और उसमें रखी शराब मूसरमार महिला सेना के हाथ लग गई. फिर क्या था मूसरमार सेना की महिलाओं ने गाड़ी में एक दर्जन पेटी शराब बारी-बारी से निकाली और शराब की बोतल और पेटी को सड़क में फेंक कर किया नष्ट कर वाहन को पुलिस के हवाले कर दिया.
दरअसल इटमा पंचायत में महिलाओं ने मूसरमार सेना का गठन किया है और गांव में शराब बेचना और पीना प्रतिबंधित कर रखा है. ये निर्णय ग्राम सभा मे भी पारित है. बहरहाल घर-गांव में अशांति और झगड़े की जड़ नशा होता है. इसी समस्या से निजाद पाने गांव की महिलाए जागरूक हुई और खुद ही इस समस्या का निदान खोज लिया. सरकारी सिस्टम से जब भरोषा उठा तो खुद ही गांव में अलग कानून बना लिया. महिलाओं के इस कदम की हर कोई सराहना कर रहा है.
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