अयोध्या में जहां एक तरफ भव्य मंदिर का निर्माण तीव्र गति के साथ चल रहा है तो दूसरी तरफ अयोध्या का वैभव पुनर्स्थापित हो रहा है. पौराणिकता को सहेजते हुऐ धर्मनगरी अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसी क्रम में अब पंचकोशी और 14 कोशी परिक्रमा पथ पर स्थित पौराणिक तीर्थों का सुंदरीकरण किया जाना है. इसके लिए 21 स्थलों का चयन भी किया जा चुका है.
जैसे-जैसे अयोध्या में भव्य मंदिर आकार ले रहा है, वैसे-वैसे भगवान राम की नगरी अयोध्या संवर रही है. पौराणिक महत्त्व वाले स्थानों को भव्य रूप देने की कवायद तेज कर दी गई है. हालांकि दो चरणों में राम नगरी के करीब 40 तीर्थ स्थलों का सुंदरीकरण किया जाएगा. जिसमें पहले चरण में 21 धार्मिक स्थलों का चयन किया जा चुका है. इनमें से ऐसे कई धार्मिक स्थल ऐसे हैं जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन करते हैं. ऐसे में इन सभी स्थलों का सुंदरीकरण के साथ-साथ यात्री सुविधाओं को भी बढ़ावा मिलेगा.
अयोध्या को एक बार फिर त्रेता की अयोध्या बनाने के मकसद से यहां के रामायण कालीन पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. इन स्थलों में तुलसी चौरा मंदिर, कौशल्या घाट मंदिर, काले राम मंदिर, नेपाली मंदिर ,चित्रगुप्त मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, छोटी देवकाली मंदिर, मौर्य मंदिर, भरत महल, राम लाला मंदिर, दशरथ महल, राम कचहरी, ब्रह्मा कुंड, गुरुद्वारा जानकी घाट समेत कई धार्मिक स्थल हैं, जिनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा.
पर्यटन विभाग के उप निदेशक आरपी यादव की मानें तो पहले चरण में 21 पौराणिक स्थलों का सुंदरीकरण कराया जाएगा. उनकी गरिमा के रूप उन्हें भव्य रूप दिया जाएगा, जिसमें मठ मंदिर के अलावा पौराणिक कुंड शामिल हैं.
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