उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित पुरोला में कथित ‘लव जिहाद’ के विरोध में बुलाई गई महापंचायत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. 15 जून को बुलाई गई इस महापंचायत पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका दाखिल की गई.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भेजी पत्र याचिका में इस बड़ी महापंचायत पर तत्काल रोक लगाने और अल्पसंख्यकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा तथा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस मामले पर जल्द आदेश पारित करने की मांग की जाएगी.
बता दें कि उत्तरकाशी के पुरोला शहर में 26 मई को एक नाबालिग हिन्दू लड़की का कथित रूप से अपहरण करने की कोशिश की गई थी, जिसे स्थानीय लोगों ने विफल कर दिया. इसके बाद से शहर में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है. इस बीच यहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की दुकानों के शटर पर पोस्टर चिपके नजर आए जिनमें उन्हें तत्काल शहर से चले जाने की धमकी दी गई थी. इस घटना के मद्देनजर के शहर में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.
इस बीच यहां हिन्दुवादी संगठनों ने 15 जून को महापंचायत का आह्वान किया है, जिसके बाद पुलिस विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है. उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) की एक टुकड़ी तैनात की गई है.
यदुवंशी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, ‘इस मामले में तत्काल लड़की को मुक्त कराया गया एवं उसे उसके परिवार को सौंपा गया. आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है एवं उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.’
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