एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र के कई अखबारों में एक सर्वेक्षण के हवाले से एक पूरे पृष्ठ का विज्ञापन देने के एक दिन बाद, पार्टी डैमेज कंट्रोल मोड में लग रही है. इन विज्ञापनों में दिखाया गया था कि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की तुलना में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद के लिए राज्य के लोगों की पहली पसंद हैं. बुधवार को महाराष्ट्र के समाचार पत्रों में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की ओर से नए विज्ञापन छपवाए गए, जिसमें शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और ठाणे से शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दीघे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर सबसे ऊपर थी.
नए विज्ञापन में कल के विज्ञापन की तुलना में दोनों पार्टियों के प्रतीक भी हैं, जिसमें केवल शिवसेना का ‘धनुष और तीर’ का प्रतीक था. शिवसेना के 9 कैबिनेट मंत्रियों की तस्वीरों के अलावा, विज्ञापन में शिंदे और फडणवीस की एक साथ तस्वीर है. नवीनतम विज्ञापन ने महाराष्ट्र में विपक्ष को शिवसेना-भाजपा सरकार पर हमले का मौका दे दिया है. राकांपा सांसद और पार्टी की नवनिर्वाचित कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि इस विज्ञापन का डिजाइन दिल्ली से आया है. हम भी जानना चाहते हैं कि ये बड़े-बड़े विज्ञापन देने वाला शुभचिंतक कौन है, जिसके लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ रहे सकते हैं?’
शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा, ‘शिंदे-फडणवीस गठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं है. यह नया विज्ञापन देवेंद्र फडणवीस के दबाव की वजह से सामने आया है. अगर फडणवीस खुश नहीं हैं तो पार्टी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और उनसे बात करने की कोशिश करनी चाहिए.’ हालांकि, आरोपों को खारिज करते हुए, कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने कहा: ‘कल का विज्ञापन शिवसेना पार्टी द्वारा नहीं दिया गया था. उस विज्ञापन ने गठबंधन में भ्रम पैदा किया और इसलिए आज का विज्ञापन इस सारे भ्रम को दूर करने के लिए दिया गया.’ बुधवार के ‘संशोधित’ विज्ञापन में बताया गया है कि कैसे शिवसेना-भाजपा गठबंधन को सर्वेक्षण में 46.4 प्रतिशत वोट मिले, मंगलवार के विज्ञापन में दिखाया गया था कि शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए 26.1 प्रतिशत वोट मिले थे, उनके मुकाबले फडणवीस को 23.2 प्रतिशत वोट मिले.
विधायक और भाजपा नेता नितेश राणे ने भी यही भावना व्यक्त की. उन्होंने आरोप लगाया, ‘हमें यह देखने की जरूरत है कि हमारी महा-युति में संजय राउत कौन है, जो गठबंधन में तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.’ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ अपने कोल्हापुर दौरे के कार्यक्रम को रद्द कर आग में घी डालने का काम किया था. हालांकि उनके कार्यालय ने दौरा रद्द करने के पीछे उनके स्वास्थ्य का हवाला दिया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिंदे को पसंदीदा मुख्यमंत्री के रूप में चित्रित करने वाला विज्ञापन फडणवीस खेमे को अच्छा नहीं लगा.
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