उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत ने गुरूवार को अलवर चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के समागर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर दलित एवं आदिवासी प्रोत्साहन योजना के तहत आयोजित जिला स्तरीय उद्योग प्रोत्साहन शिविर का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत ने कहा कि उद्योगों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की भागीदारी बढाने के लिए राज्य सरकार द्वारा फ्लेगशिप योजना ’’डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना’’ वर्ष 2022 में प्रारम्भ की गई है। सम्पूर्ण राजस्थान में गुरूवार को योजना के प्रचार-प्रसार तथा मौके पर ही उद्यमियों को लाभान्वित करने बाबत् शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बैंक भी शिरकत कर मौके पर ही योजना के आवेदनों का निस्तारण किया जा रहा है। साथ ही बैंकों द्वारा पात्र आवेदकों को ऋण स्वीकृति भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों एवं योजनाओं से राज्य में ओद्योगिक निवेश एवं स्टार्टअप का एक बेहतरीन माहौल बना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से बडे उद्योगों के साथ लघु एवं कुटीर उद्योग भी राज्य में फल-फूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने योजनाओं को लागू किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, रिप्स नीति जैसी अनेक योजनाएं उद्यम स्थापित करने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों के सपने साकार कर रही है। उन्होंने कहा कि पांच साल तक नए उद्यम स्थापित करने पर सभी प्रकार के निरीक्षण आदि से उद्यम को मुक्त किया गया है। इन योजनाओं में ब्याज अनुदान एवं विभिन्न प्रकार के शुल्क शून्य किए गए हैं। राज उद्योग मित्रा पोर्टल पर आवेदन करने पर 10-15 मिनट में ही उद्यम स्थापित करने की अनुमति ऑनलाइन मिल रही है। माह के प्रथम गुरूवार को जयपुर में 14 विभागों की उपस्थिति में स्वयं उद्योग मंत्री वन स्टॉप शॉप के माध्यम से उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में युवाओं के लिए उद्यम प्रोत्साहन प्रशिक्षण शिविर उद्योग विभाग द्वारा लगाए जाएंगे। साथ ही जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्रों में एक उद्यम सहायता काउंटर खोला जाएगा।
उद्योग मंत्री ने लाभार्थियों को मार्जिन मनी भुगतान एवं ऋण स्वीकृति पत्र भी सौंपे । शिविर में अलवर जिला कलक्टर पुखराज सेन, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के महाप्रबंधक एम.आर मीना, नाबार्ड के डीडीएम प्रदीप चौधरी सहित बड़ी संख्या में लाभार्थी एवं इस योजना की जानकारी लेने वाले युवा उपस्थित रहे।
लाभार्थियों ने किये अनुभव साझा-
जिला स्तरीय कार्यक्रम में अलवर के ग्राम दिवाकरी निवासी शिमला देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस योजना के तहत मैंने दो दिन पहले ही आवेदन किया था और आज मेरी 11 लाख रूपये की ऋण सहायता राशि स्वीकृत हो गई है। इससे में गारमेंट का काम शुरू कर सकूंगी और महिलाओं को भी रोजगार दे पाउंगी। राजगढ निवासी लाभार्थी सीताराम मीणा ने बताया कि जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के सहयोग से उद्योग स्थापित करने हेतु मैं 2.25 करोड रूपये की राशि से फैक्ट्री लगा रहा हूं जिसके लिए मैंने जिला उद्योग केंद्र को प्रस्ताव दिया है जिसमें मुझे 25 लाख रूपये की छूट मिलेगी तथा अन्य लाभ भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की इस छूट की वजह से एवं अन्य लाभ मिलने पर ही मैं उद्योग स्थापित करने की हिम्मत जुटा पाया हूं। उन्होंने बताया कि उद्योग स्थापित होने पर मैं क्षेत्र के अन्य लोगों को भी रोजगार दे पाउंगा व मेरे उद्योग का विस्तार हो सकेगा। इसी प्रकार जगमोहन तंवर ने बताया कि मैंने 15 लाख रूपये की सरकारी सहायता प्राप्त कर छोटे स्तर पर अपना काम प्रारम्भ किया था अब मेरा टर्न ओवर 25 करोड रूपये हैं तथा अब मैं इस योजना से अपने को काम को और आगे बढाउंगा तथा यह योजना मेरे काम को आगे बढाने में मददगार साबित होगी।
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