टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और उनके ‘गुरु’ योगेश्वर दत्त (Yogeshwar Dutt) के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है. दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने में जुटे हुए हैं. बजरंग पूनिया का कहना है कि यदि योगेश्वर को एक मुकाबले के ट्रायल से परेशानी थी तो उन्हें खेल मंत्री के पास जाना चाहिए था. प्रदर्शनकारी पहलवानों में शामिल बजरंग ने कहा है कि यदि यह साबित हो जाता है कि पहलवानों ने ट्रायल्स में छूट मांगी थी तो वह कुश्ती छोड़ देंगे. बजरंग के बयान के बाद योगेश्वर दत्त ने पलटवार करते हुए कहा है कि ‘किस हद तक गिरोगे.’
बजरंग ने लंदन ओलंपिक के कांस्य पदकधारी अपने गुरु योगेश्वर दत्त के बारे में कहा है कि उन्होंने फिट नहीं होने के बावजूद 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लिया और इस तरह से उन्होंने विश्वासघात किया है. कभी योगेश्वर को अपना गुरु बताने वाले बजरंग ने कहा कि उनके पास इसका सबूत भी है.
योगेश्वर दत्त ने सोशल मीडिया के अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर बजरंग की एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की है और उन्होंने अपने चेला यानी बजरंग पूनिया को टैग करते हुए लिखा, ‘किस हद तक गिरोगे! बोलना अगर 2018 में छोड़ा था तो 2019 को ये गुरु जी मानकर परमात्मा के शुक्रिया की पोस्ट कैसे बेटे?’
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के गिरफ्तारी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक शनिवार को सोशल मीडिया पर लाइव आए थे. इन पहलवानों का कहना है कि उन्होंने आईओए के तदर्थ पैनल से ट्रायल्स में किसी तरह की छूट की मांग नहीं की है. योगेश्वर दत्त ने तदर्थ पैनल के फैसले पर सवाल उठाए थे कि क्या ये पहलवान इस तरह की छूट हासिल करने के लिए ही विरोध कर रहे थे. उन्होंने जूनियर पहलवानों, उनके कोचों और अभिभावकों से इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही थी.
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