केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने सरकार से 7 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. ट्रस्ट ने एजी ऑफिस ओवरब्रिज की जमीन को अपनी जमीन बताया है. इसी पर ओवरब्रिज बनाने के लिए जमीन का मुआवजा मांगा है. हाईकोर्ट ने सिंधिया ट्रस्ट के दावे को स्वीकार कर लिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी. कोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन से जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान शासन को कोर्ट में सिंधिया ट्रस्ट के मुआवजे पर अपना जवाब देना होगा. इसमें ट्रस्ट ने जमीन की एवज में 7 करोड़ रुपये के साथ-साथ ओवरब्रिज निर्माण की तिथि से 12 फीसदी ब्याज भी मांगा है.
गौरतलब है कि ओवरब्रिज की जमीन महलगांव हलका सर्वे क्रमांक 1071, 1072, 1073 जमीन है. इस जमीन पर सिंधिया ने कमला राजे चेरिटेबल ट्रस्ट का मालिकाना हक बताया है. बता दें, 31 दिसंबर 1971 को राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने ट्रस्ट का गठन किया था. विजयाराजे सिंधिया ने महलगांव की ये भूमि ट्रस्ट को दी थी. वर्तमान में माधवीराजे सिंधिया इस ट्रस्ट की चेयरमेन हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, महान आर्यमन सिंधिया इसमे ट्रस्टी हैं.
गौरतलब है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने 2018 में जिला अदालत में जमीन मुआवजे के लिए दावा पेश किया था. लंबी सुनवाई और दस्तावेजों के बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया. उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे. लेकिन अब वे बीजेपी में हैं. इस तरह उनका ट्रस्ट अपनी ही सरकार से मुआवजा मांग रहा है.
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