बिहार की राजधानी पटना में बीते 23 जून को हुई 15 विपक्षी दलों की बैठक के बाद अब धीरे-धीरे नई जानकारी सामने आ रही है. दरअसल इस बड़ी बैठक में देश के कई दिग्गज बीजेपी विरोधी नेता शामिल हुए थे. बैठक के बाद बड़े-बड़े दावे भी किए गए हैं. बताया जा रहा है कि 15 विपक्षी दलों की एकता आगे भी बनी रहेगी और आने वाले दिनों इस नए गठबंधन की रूप रेखा तय होगी. इसकी पूरी जानकारी शिमला में होने वाली बैठक में दी जाएगी. हालांकि फिलहाल नए गठबंधन के नाम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.
दरअसल शिमला में होने वाली बैठक के पहले ही छन-छन कर कुछ बातें बाहर आ रही हैं. अब धीरे-धीरे इसका खुलासा भी हो रहा है. इसी कड़ी में एक बड़ी बात तब सामने आई. दरअसल सीपीआई के जनरल सेक्रेट्री डी राजा के अनुसार नए गठबंधन का नाम तय हो चुका है. डी राजा के अनुसार 15 विपक्षी दलों के इस गठबंधन का नाम PDA होगा.
इस दौरान उन्होंने कहा कि 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण पर बुलाई गयी देश के प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक में मौजूद 15 राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में भाग लेने और भाजपा-संघ मुक्त भारत के निर्माण का संकल्प लिया जो स्वागत योग्य कदम है. आगे की बैठक जुलाई के पहले पखवारे में शिमला में होने वाली है. इस बैठक में राष्ट्रीय विपक्षी एकता की प्रक्रिया को नयी ऊंचाई देते हुए एक देशभक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) की सारी पूर्वापेक्षायें पूरी करते हुए उसे ठोस स्वरूप दिया जाना है.
डी राजा ने अपने संबोधन में बिहार की पूरी पार्टी और उसके नेतृत्व को इस बात के लिए बधाई दी कि उसने उक्त विपक्षी समागम से पूर्व भाजपा हटाओ-देश बचाओ-नया भारत बनाओ के नारे के साथ राज्यव्यापी पदयात्रा अभियान चलाया. वहीं बीते 8, 9 और 20 जून को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों के समक्ष जनसत्याग्रह-जेल भरो अभियान चलाकर बदलााव की अनुकूल जमीन तैयार करने का काम किया जिसमें करीब डेढ़ से दो लाख लोगों की भागीदारी हुई और जगह-जगह हजारों लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई.
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