फिल्म आदिपुरुष पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की गुहार वाली दो अर्जियां बीते गुरुवार को हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में दाखिल हुई थी. याचिकाकर्ता कुलदीप तिवारी ने फिल्म में संशोधन करने और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया है. याची के मुताबिक इस फिल्म में आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया गया है और सनातन आस्था के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया गया है लिहाजा इस फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए.
कुलदीप तिवारी के मुताबिक इससे पहले 2 अक्टूबर 2022 को फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने पर उसमें कई आपत्तिजनक तथ्य होने की बात कहते हुए उन्होंने ट्रेलर और फिल्म दोनों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दाखिल की थी, इस पर कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी किया था. याची के मुताबिक नोटिस का जवाब नहीं दिया गया था. फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध की याचिका पर आज होगी सुनवाई.
बता दें, इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘रामायण’ पर आधारित फिल्म ‘आदिपुरुष’ के प्रसारण पर रोक से संबंधित ‘हिंदू सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू और न्यायमूर्ति अमित महाजन की अवकाशकालीन पीठ ने मामले को या तो ‘‘आज या कल या उसके अगले दिन’’ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता के अनुरोध को खारिज किया था. वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जनहित याचिका 30 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है लेकिन तब तक याचिका का उद्देश्य विफल हो जाएगा.
अदालत ने पाया कि फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है और रिलीज की तारीख भी पहले से ही पता थी और तत्काल सुनवाई के लिए कोई मामला नहीं बनता है. अदालत ने कहा, ‘‘जब फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है तो आप क्या रोक लगाना चाह रहे हैं? अब तक मुझे नहीं लगता कि मामला अत्यावश्यक है. कृपया सुनवाई वाले दिन (30 जून) आएं.’’
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कई ‘‘विवादास्पद हिस्से’’ हैं जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित कर रहे हैं क्योंकि नेपाल ने फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने दावा किया कि निर्देशक ओम राउत ने पहले आश्वासन दिया था कि विवादास्पद हिस्सों को हटा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया और फिल्म को रिलीज कर दिया. याचिका के अनुसार, ‘आदिपुरुष’ ने धार्मिक चरित्रों और संख्याओं का गलत और अनुचित तरीके से चित्रण करके हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे लेखकों द्वारा लिखित रामायण में वर्णन के विपरीत है.
याचिका में अधिकारियों से फिल्म के प्रमाणन को रद्द करने और इसे तुरंत प्रतिबंधित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. वहीं इसी बीच नेपाल ने ‘आदिपुरुष’ को छोड़कर अन्य हिंदी फिल्में दिखाए जाने की अनुमति दे दी है. फिल्म ‘आदिपुरुष’ में देवी सीता को ‘भारत की पुत्री’ बताए जाने से उपजे विवाद के बाद नेपाल ने कुछ दिन पहले हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. वहीं अब काठमांडू में कई सिनेमाघरों ने हिंदी फिल्म का प्रदर्शन बहाल कर दिया है जबकि ‘‘आदिपुरुष’’ पर प्रतिबंध बरकरार है.
शहर स्थित ‘क्यूएफएक्स’ सिनेमा में अभिनेत्री सारा अली खान और अभिनेता विक्की कौशल अभिनीत फिल्म ‘‘जरा हटके, जरा बचके’’ का प्रदर्शन किया गया. ‘नेपाल मोशन पिक्चर एसोसिएशन’ ने एक बयान में कहा कि ‘‘आदिपुरुष’’ को छोड़कर सभी नेपाली और विदेशी फिल्में शुक्रवार से प्रदर्शित की जाएंगी. कई लोगों का मानना है कि सीता, जिन्हें जानकी भी कहा जाता है, का जन्म दक्षिण-पूर्व नेपाल के जनकपुर में हुआ था
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