हैदराबाद (Hyderabad) के कुथबुल्लापुर (Quthbullapur) के चिंतल गांव (Chintal Village) में शनिवार शाम को उस समय दहशत का माहौल पैदा हो गया जब हाइड्रोलिक जैक (Hydraulic Jacks) की मदद से उठाई जा रही एक तीन मंजिला इमारत अचानक झुक गई. यह इमारत पास के आवासीय अपार्टमेंट पर झुक गई. इसके बाद अफरा तफरी मच गई. हैदराबाद प्रशासन की ओर से दोनों ही बिल्डिंग्स से लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया है और हाइड्रोलिक जैक की मदद से उठाई जा रही बिल्डिंग के ओनर के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है.
टीआईओ में प्रकाशित खबर के मुताबिक जब जी+2 संरचना को सड़क स्तर से ऊपर उठाया जा रहा था तो उसमें वक्त उसमें 16 लोग थे. यह भी वे बिल्डिंग ओनर की किसी भी इस तरह की बिल्डिंग लिफ्टिंग योजना के बारे में अवगत नहीं थे. गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई है.
बिल्डिंग के झुकने की सूचना मिलते ही ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आपदा राहत बल को इमारत को खाली कराने के लिए मौके पर भेजा गया. इसके बाद पास में स्थित बिल्डिंग ओनर की ओर से पुलिस प्रशासन को इसकी शिकायत की गई. उसके बाद पुलिस ने भवन मालिक पर आईपीसी की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) के तहत मामला दर्ज कर लिया.
जीदीमेटला पुलिस स्टेशन के एसएचओ एम. पवन ने कहा कि मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है क्योंकि पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी. हालांकि इसमें किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है. वहीं दूसरी इमारत की मरम्मत चल रही है. बताया जाता है कि रविवार को बुलडोजर के जरिये ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया, जबकि पास की इमारत को भी खाली करा लिया गया है.
पुलिस के मुताबिक, बारिश के दौरान बाढ़ से बचने के लिए बिल्डिंग ओनर ने 32 साल पुरानी इमारत को उठाने का फैसला किया, क्योंकि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम द्वारा इसके सामने नई सीसी सड़क बिछाने से सड़क और भूतल के बीच 10 इंच का अंतर हो गया था. स्टेशन अग्निशमन अधिकारी, प्रवर्तन, सतर्कता और आपदा प्रबंधन (EVDM) के सतीश राव ने कहा कि उन्होंने इमारत को कुछ इंच तक धकेलने और नींव को रिले करने के लिए हाइड्रोलिक जैक का उपयोग करने के लिए एक कंपनी, जेजे बिल्डर को नियुक्त किया था. लेकिन बिल्डिंग लिफ्टिंग करते वक्त संरचना (ढांचा) एक अन्य दूसरी आवासीय इमारत पर पीछे की ओर झुक गया. इसके बाद पड़ोस की बिल्डिंग पर खतरा मंडरा गया.
सतीश राव ने कहा कि जब टीम शाम करीब 4.40 बजे चिंतल पहुंची तो वे लोगों को अभी भी अंदर देखकर हैरान रह गए. सतीश राव ने कहा कि हमने अंदर मौजूद सभी लोगों को सीढ़ियों का उपयोग करके बाहर आने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए 6 कर्मियों को तैनात किया. लोगों को सावधान करने के लिए सार्वजनिक सेवा घोषणाएं की गईं. उन्होंने कहा कि इमारत की हालत खराब थी. अधिकारियों ने कहा कि बिल्डिंग ओनर ने काम के लिए अनुमति नहीं मांगी थी.
कुथबुल्लापुर के डिप्टी सिटी प्लानर के सांबैया ने कहा कि हालांकि इस तरह के नवीकरण के संबंध में नगर नियोजन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है. लेकिन ऐसी कोई मंजूरी नहीं मांगी गई थी. उन्होंने कहा कि इसलिए, हमने मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि किराए पर रहने वाले चार परिवारों को सूचित नहीं किया गया, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई.
जीएचएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि अधिकांश लोगों को शनिवार को खाली करने के लिए कहा गया था. लेकिन बिल्डिंग के ढांचे को ध्वस्त (Demolition) करने से पहले रविवार को अपने घरों से महत्वपूर्ण दस्तावेज आदि निकालने का समय दिया गया था. उन्होंने कहा कि पास की इमारत में भी दरारें आ गई हैं, जिससे उसमें रहने वालों की जान को खतरा हो गया है.
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