राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने तीन महीने पहले राज्य में 19 नए जिले (New Districts) बनाने का ऐलान किया था. इसे कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर मान रही थी. लेकिन ये फैसला अब बैक फायर कर रहा है. जयपुर के पास ही दूदू को नया जिला बनाने पर सांभर और फुलेरा के स्थानीय लोगों ने विरोध में रविवार को महापड़ाव डालने के बाद दूदू की ओर कूच कर दिया. उसके बाद पुलिस और आंदोलनकारियों में पथराव हो गया. हालात यहां तक पहुंच गए कि पुलिस को लाठीचार्ज के बाद आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
आंदोलनकारी दूद के बजाय फुलेरा या सांभर को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन ये संकट सिर्फ एक जिले को लेकर नहीं है. अधिकतर नए जिलों में इसी तरह आंदोलन चल रहे हैं. एक तहसील के लोग दूसरी तहसील को जिला बनाने के फैसले को नहीं मान रहे हैं. वे अपनी तहसील को जिला बनाने पर अड़े हैं. जयपुर जिले के भी दो जिले बनाने पर बीजेपी ही नहीं खुद गहलोत सरकार के मंत्री और कांग्रेस विधायक विरोध कर रहे हैं.
दूदू को तीन महीने पहले ही नया जिला घोषित किया था. नया जिला बनाने की प्रकिया शुरू हुई तो दूदू के पास के ही सांभर और फुलेरा के लोग इसके विरोध में उतर आए. वे सांभर फुलेरा को नए जिले दूदू में शामिल करने के बजाय सांभर फुलेरा को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. चाकसू के कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोंलकी ने भी ऐलान कर दिया कि उनकी विधानसभा किसी सूरत में दूदू जिले में नहीं जाएगी.
नये जिलों में जयपुर जिले का भी बंटवारा कर जयपुर उत्तर और दक्षिण के नाम से दो नए जिले बना दिए गए. इससे ये कंफ्यूजन खड़ा हो गया कि राजस्थान की राजधानी जयपुर उत्तर में है या दक्षिण जिले में है. जयपुर के इस बंटवारे के विरोध में जयपुर शहर के कांग्रेस के ही विधायक और गहलोत सरकार के मंत्री विरोध में उतर आए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर जयपुर के बंटवारे पर आपत्ति की.
दूदू के नजदीक मालपुरा कस्बे में भी आंदोलन चल रहा है. मालपुरा के लोग उनको नया जिला दूदू या केकड़ी में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. वे मालपुरा को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. नागौर जिले से अलग कर कुचामन डीडवाना को नया जिला बनाया गया है. वहीं सुजानगढ़ के लोग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं. वे कुचामन डीडवाना की जगह सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं.
जालोर जिले से सांचोर को नया जिला बनाया तो वहां की भीनमाल तहसील के लोग इस फैसले के विरोध में आंदोलन पर उतर आए. वे सांचोर की जगह भीनमाल को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. नए बनाने 19 में से 15 जिलों में इसी तरह विरोध है. इन जिलों में अधिकतर तहसील या उपखंड के लोग अपनी तहसील को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि इस मसले पर सोमवार को हुई की बैठक के बाद राजस्थान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसी भी तहसील या गांव को जबरन नए जिलों में नहीं रखा जाएगा.
विवाद सिर्फ जिलों तक ही नहीं है. अलवर, भीलवाड़ा और बाड़मेर में इन तीन जिलों को संभाग बनाने की मांग चल रही है. सवाल यह है कि चुनावी फायदे के लिए नए जिले तो बना दिए लेकिन इससे भानुमति का पिटारा खुल गया. अब इस विवाद को सुलझाने के लिए इस पर चर्चा हो रही है कि क्या जहां जहां मांग हो रही है वहां फिर उतने ही और नए जिले बना दें या फिर इन नए जिलों में फेरबदल करे. अगर ये विवाद खत्म नहीं हुआ तो चुनावी लाभ के बजाय आने वाले चुनाव में ये कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द साबित होगा.
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