जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जांचकर्ताओं को बताया है कि राजनेता और व्यवसायी उसे धमकी भरे कॉल के बदले में पैसे देते हैं, ताकि वे पुलिस से सुरक्षा मांग सकें. बिश्नोई अप्रैल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में थे, जिसने खालिस्तानी संगठनों के लिए फंडिंग से जुड़े मामले में गैंगस्टर से पूछताछ की. सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बिश्नोई फिलहाल बठिंडा की जेल में है.
समझा जाता है कि एजेंसी ने लॉरेंस से पूछताछ में सामने आई जानकारी के बारे में गृह मंत्रालय (एमएचए) को सूचित कर दिया है. द इंडियन एक्सप्रेस ने अपने एक सूत्र के हवाले से कहा, ‘गैंगस्टर ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह शराब डीलरों, कॉल सेंटर के मालिकों, दवा आपूर्तिकर्ताओं और रियल एस्टेट व्यवसायियों से हर महीने 2.5 करोड़ रुपये की उगाही कर रहा है. उसने दावा किया कि इन दिनों, कई राजनेता और व्यवसायी संबंधित राज्य पुलिस से सुरक्षा कवर पाने के लिए धमकी भरे जबरन वसूली कॉल करने के लिए उन्हें पैसे दे रहे हैं.’
बिश्नोई ने एनआईए को यह भी बताया कि उसके पास एक ‘बिजनेस मॉडल’ है जिसमें उत्तर प्रदेश (धनजय सिंह), हरियाणा (काला जथेरी), राजस्थान (रोहित गोदारा) और दिल्ली (रोहित मोई और हाशिम बाबा) के जेल में बंद गैंगस्टरों के साथ गठजोड़ शामिल है. अधिकारी ने कहा, ‘इस गठबंधन व्यवसाय मॉडल में, उन्होंने टोल सिक्योरिटी और साझा प्रतिशत का कॉन्ट्रैक्ट लिया है. इसके अलावा, अगर वे अपने दुश्मनों को खत्म करना चाहते हैं, तो वे एक-दूसरे को हथियारों के साथ-साथ शूटर भी मुहैया कराते हैं.’
बिश्नोई ने दावा किया कि 1998 में काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले को लेकर उनके निशाने पर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान थे क्योंकि काले हिरण को बिश्नोई समुदाय में पवित्र माना जाता है. उन्होंने कथित तौर पर कहा कि वह खान को तभी माफ करेंगे जब वह ‘माफी मांगेंगे’. सूत्र ने कहा, ‘गैंगस्टर ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि वह खालिस्तान समर्थक अवधारणा के खिलाफ है और वह अन्य अपराधियों के साथ गठजोड़ करके सिर्फ अपना क्राइम सिंडिकेट चलाना चाहता है.’
बिश्नोई ने एनआईए को यह भी बताया कि वह डी-कंपनी और दाऊद इब्राहिम के खिलाफ है. अधिकारी ने कहा, ‘उसने दावा किया कि उसका जेल में बंद कुछ गैंगस्टरों के साथ करीबी संबंध है जो दाऊद के खिलाफ काम कर रहे हैं और आने वाले महीनों में वह उसके खिलाफ भी काम करना शुरू कर देगा.’
सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के साथ बिश्नोई की साठगांठ पर, अधिकारी ने कहा, ‘गैंगस्टर ने पूछताछ के दौरान कहा कि वह उससे 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय के एक परिसर में मिला था, जहां बराड़ शाम के सत्र में बी.ए. कर रहा था और कबड्डी खेल रहा था. वह उस समय एथलेटिक्स कर रहा था और वे अक्सर खेल के मैदान पर मिलते थे. कुछ महीनों के बाद वे गहरे दोस्त बन गए. बराड़ के पिता एक पुलिस अधिकारी थे और कुछ लोगों से झगड़ा होने के बाद उन्होंने अपने बेटे को आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा भेज दिया. अब, उनके अनुसार, वह परिवहन व्यवसाय में है और 70 ट्रक चला रहा है.’
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.