राजस्थान में चुनावी बिगुल बजने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं, लेकिन चुनावी युद्ध में उतरने के लिए कांग्रेस का संगठन अब भी तैयार नहीं है. कई जिलों में अब तक संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं हुई है. वहीं पिछले दिनों अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने एक साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, इसी बीच अब दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बैठक बुलाई है. प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और तीनों से प्रभारियों को बुलाया है. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात हो सकती है.
दरअसल दिल्ली में हो रही इस बैठक को कांग्रेस के संगठन स्तर पर काफी अहम माना जा रहा है. हाल ही में विवाद की वजह से प्रदेश कांग्रेस सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी गलती मानते हुए कहा था कि बिना आलाकमान के मोहर लगे 85 सचिवों की नियुक्ति की गई है. जिस पर आज दिल्ली में विचार होगा. एआईसीसी की ओर से नई सूची जारी की जाएगी. बता दें कि लंबे वक्त से गहलोत और पायलट के विवाद के चलते कांग्रेस में कई अहम फैसले रुके हुए हैं.
इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महंगाई राहत शिविर के बहाने पूरे प्रदेश का जमीनी स्तर पर दौरा कर रहे हैं और आमजन से मुलाकात कर रहे हैं, उन्हें सौगातें भी दे रहे हैं. वहीं पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी तक भाजपा राजस्थान में सरकार विरोधी माहौल खड़ा नहीं कर पाई है, ऐसे में कांग्रेस की उम्मीदें राजस्थान को लेकर ज्यादा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगाता सरकार रीपिट करने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस हाईकमान भी लगाता बैठकें कर विवाद सुलझाना और चुनावी एक्सरसाइज में जुटा हुआ है.
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