एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) मंगलवार को तिलक स्मारक मंदिर के पुरस्कार समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ शामिल होने के लिए तैयार हैं. इस पुरस्कार को देने वाले ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने इसकी पुष्टि की है. शनिवार को रोहित तिलक के इस बयान से विपक्ष के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. पीएम मोदी के साथ समारोह में शरद पावर की मौजूदगी के मुद्दे पर कांग्रेस सहित पवार की एनसीपी के कुछ सहयोगी सहमत नहीं थे. उन्होंने अपनी असहमति भी जाहिर की थी. हालांकि खुद एक कांग्रेसी तिलक ने साफ किया कि पुरस्कार समारोह एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम है. ऐसे मौकों पर नेताओं की उपस्थिति पर आपत्ति नहीं की जानी चाहिए.
गौरतलब है कि 1 अगस्त को होने वाले पुरस्कार समारोह में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार (Lokmanya Tilak National Award) से सम्मानित किया जाएगा. रोहित तिलक ने इस बात पर जोर दिया कि तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट विभिन्न क्षेत्रों में सफल लोगों को मान्यता और सम्मान देता रहा है, जिसमें केवल राजनेता ही नहीं बल्कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी शामिल हैं. इसलिए, उन्होंने इस आयोजन का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया. तिलक ने जोर देकर कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहले ही अपनी मौजूदगी की पुष्टि कर दी थी और उनके कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
शरद पवार के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, जो ट्रस्टी हैं, वो भी पीएम मोदी के सम्मान में कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. महाराष्ट्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष मोहन जोशी ने कहा कि I-N-D-I-A के बैनर तले विपक्षी दल मणिपुर में हिंसा पर पीएम मोदी की निष्क्रियता के विरोध में 1 अगस्त को उनकी यात्रा के दौरान उनको काले झंडे दिखाएंगे. विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ-साथ एनसीपी के पवार गुट, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आधव भी हिस्सा लेंगे.
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