पंजाब में कई जगह NIA की रेड, मोहाली में मोस्ट वांटेड आतंकी पम्मा के घर भी पहुंची टीम

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ड्रग्स के कारोबार और आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के मकसद से पंजाब के मोगा, होशियारपुर और जालंधर सहित कई इलाकों में रेड की है. NIA ने भारत में मोस्ट वांटेड आतंकी परमजीत सिंह पम्मा के मोहाली स्थित घर पर भी रेड की है. वह मूल रूप से चमकौर साहिब का रहना वाला है. ऐसा माना जाता है कि वह वर्तमान में ब्रिटेन के बर्मिंघम में रह रहा और सिख रेफरेंडम 2020 अभियान से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है. वह गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ 2018 से ब्रिटेन में एक अलग राष्ट्र की वकालत कर रहा है.

पम्मा पर भारत में आईपीसी- 386, 411, 323, 324, 34, 420, 467, 468, 471, 120-बी, 302, 153-ए, 120,120-बी, 386, 379, 411, शस्त्र अधिनियम – 25, 54, 59. विस्फोटक पदार्थ अधिनियम – 3, 4, 5, 6, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम – 15, 16, 17, 18, 20, 19 के तहत मामले दर्ज हैं.

इन्स्टिट्यूट ऑफ कनफ्लिक्ट मैनेजमेंट के पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक शुरुआत में पम्मा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता वाधवा सिंह का करीबी था. बाद में वह खालिस्तान टाइगर फोर्स में शामिल हो गया और इसके नेता जगतार सिंह तारा के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए. इसके बाद पम्मा ने थाईलैंड में आतंकवादी-संबंधित गतिविधियों के समन्वय, खालिस्तानी आतंकवादियों को समर्थन और बुनियादी ढांचा प्रदान करने की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके अतिरिक्त जब वह असली पासपोर्ट प्राप्त करने में असमर्थ रहा, तो उसने अजय सिंह के नाम से जाली पासपोर्ट बनवा लिया था.

वर्ष 2000 में पम्मा राजनीतिक शरण लेने के लिए ब्रिटेन गया था, जो उसे प्रदान कर दी गई थी. 2015 में पुर्तगाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने तक वह यूके में ही रहा था. 18 दिसंबर 2015 को पम्मा को इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर पुर्तगाल के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, दो महीने की हिरासत के बाद उसे रिहा कर दिया गया था. इससे पहले पम्मा को 2010 में रुलदा सिंह मामले में संलिप्तता के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों ने भी हिरासत में लिया था. फिर ब्रिटिश पुलिस ने बाद में सबूतों की कमी के कारण उसे रिहा कर दिया था. 2016 में इंटरपोल ने अपने रेड कॉर्नर नोटिस से उसका नाम हटाने का फैसला किया था. पम्मा ने 2010 में अंबाला और पटियाला बम विस्फोटों की साजिश रची थी और वह केटीएफ के खालिस्तानी आतंकवादी रमनदीप सिंह उर्फ गोल्डी को सलाह दे रहा था.

जानकारी के मुताबिक एनआईए ने जालंधर के दौलतपुर के पूर्व संरपंच मलकीत सिंह और मोगा जिला के गांव धूरकोट में जसविंदर सिंह के घर आज तड़के दबिश दी गई. एनआईए की टीम होशियारपुर के गांव डल्लेवाल में लवशिंद्र सिंह के घर भी पहुंची है. लवशिंद्र सिंह सिख स्टूडेंट फेडरेशन का नेता भी रहा है. बताया जा रहा है कि विदेश में खालिस्तानी आतंकियों द्वारा चलाई जा रही भारत विरोधी मुहिम पर नकेल कसने के लिए एनआईए पंजाब के कई हिस्सों में रेड कर रही है.

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