भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल मणिपुर के मुद्दे पर संसद में चर्चा से भाग रहे हैं क्योंकि उन्हें चर्चा में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे जानते हैं कि सरकार के पास उनके सवालों का उपयुक्त जवाब है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपे जाने के बाद भाजपा की यह प्रतिक्रिया आई है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार चर्चा के लिए तैयार है. गृह मंत्री ने मणिपुर का दौरा किया था और वह जवाब देने के लिए तैयार हैं. मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि विपक्ष की क्या समस्या है. जनता भी नहीं समझ पा रही है.’ भाजपा नेता सुशील मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते कहा कि इसके नेता मणिपुर का दौरा कर सकते हैं और राष्ट्रपति से मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर संसद में चर्चा में भाग नहीं ले सकते.
सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष की यह मांग तर्कसंगत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में बयान देना चाहिए क्योंकि सरकार सामूहिक जिम्मेदारी के साथ काम करती है और संबंधित मंत्री अमित शाह जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘विपक्ष दल जानते हैं कि उनकी ओर से किये जाने वाले सभी प्रश्नों का जवाब सरकार के पास है और इसलिए वे चर्चा से भाग रहे हैं.’ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘सरकार ने बार-बार कहा है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन विपक्ष तैयार नहीं है. वे संसद (में कामकाज) को बाधित करना चाहते हैं.’
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात कर उनसे आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मणिपुर के मुद्दे पर संसद में वक्तव्य देने के लिए कहें. उन्होंने यह मांग भी की है कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को राज्य का दौरा करना चाहिए.
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