शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन! राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के द्वारा समय-समय पर सरकार को अनेकों बार ज्ञापन, सभा, सम्मेलनों एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009" की धारा 27 तथा तत्कालीन मुख्य सचिव महोदय, राजस्थान सरकार के आदेश दिनांक 05.06.2020 की अनुपालना में 10 वर्षीय जनगणना, निर्वाचन तथा आपदा प्रबंधन के कार्यों के अतिरिक्त शिक्षकों को किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने की मांग की जाती रही है। महोदय प्रदेश में विभागीय अधिकारियों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय तथा राज्य सरकार के ऐसे सभी जारी आदेशों को दरकिनार कर वर्तमान में शिक्षकों को उनके मूल कार्य से विमुख कर अनेक प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों में लगातार लगाने से स्कूलों में विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य और परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। प्रदेश के विभिन्न उपखंड अधिकारियों के द्वारा निर्वाचन विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों को दरकिनार कर अन्य विभाग के कर्मचारियों की बजाय अधिकतर शिक्षकों को ही मनमाने तरीके से बीएलओ लगाया जाता है और उन्हें तरह-तरह के नोटिस एवं धमकी देकर प्रताड़ित भी किया जाता है। यही नहीं स्कूलों में भी शिक्षको पर मिड डे मील, दूध वितरण साक्षरता, ई-ग्राम प्रभारी, आए दिन विभिन्न प्रकार की सरकारी डाक सूचनाओं के आदान-प्रदान के आंकड़ों में उलझा कर शिक्षण कार्य से दूर किया जा रहा है जिससे शिक्षकों में भारी असंतोष है कि शिक्षक वर्ग को शिक्षक ही रहने दिया जाय और उनको मूल कार्य बच्चों के पढ़ाने से विमुख नहीं किया जाए। साथ ही अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 की पालना सुनिश्चित कराते हुए वर्ष भर चलने वाले गैर शैक्षिक कार्य बीएलओ सहित सभी प्रकार के लिए जा रहे गैर शैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह मुक्त कराए जाने की मांग को लेकर संघ के राज्यव्यापी आंदोलन के द्वितीय चरण में आज दिनांक 03 अगस्त 2023 को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन आयोजित कर ज्ञापन आवश्यक कार्यवाही क़ी मांग क़ी!
1. प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के सुचारु शिक्षण कार्य हेतु शिक्षकों को बीएलओ कार्य से पूरी तरह मुक्त किया जाए तथा मिड-डे-मील, दूध वितरण जैसे अनेक प्रकार के लिए जा रहे अशैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह मुक्त किया जाये। शिक्षकों के स्थान पर बीएलओ सहित अन्य प्रकार के कार्यों के लिए अन्य विभागों के कार्मिकों को लगाये जाने की कृपा करें। साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के संस्था प्रधान, पोषाहार प्रभारी, एकल अध्यापक, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी व नगरपालिका क्षेत्रों पर लगाये गये बीएलओ, एक ग्राम पंचायत में दूरस्थ दूसरी ग्राम पंचायतों के शिक्षकों को बीएलओ के रूप में लगाया गया है. ऐसे सभी कार्मिकों को बीएलओ के दायित्व से मुक्त कराए जाने की कृपा करें।प्रदेश भर के विभिन्न जिलो में शिक्षकों को जिला कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी तथा विभिन्न शिक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से अपने अपने कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर लगा देते हैं उस पर रोक लगवाते हुए सभी कार्यालयों में लिपिकीय कार्य हेतु लगाए गए ऐसे सभी शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों के लिए कार्यमुक्त करवाये जाने क़ी मांग क़ी!
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