53 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद बोकारो में शुरू हुई गवाई बराज परियोजना उद्घाटन के चौथे दिन ही क्षतिग्रस्त हो गई, 30 जुलाई को इसकी शुरुआत की गई थी और कल यानी 3 अगस्त को चास प्रखंड के सिलफोर और डाबरबहाल गांव बीच के स्थित सियालगडा में गंवाईबराज परियोजना की नहर टूट गई. जिसके बाद ग्रामीण और किसान काफी अधिक आक्रोश में है. ग्रामीणों ने बताया कि नहर बनाते वक्त काफी अनियमितता बरती गई और ऐसी लापरवाही का नतीजा है कि नहर टूट गई इस परियोजनामें 131 करोड़ रुपये खर्च हुआ है.
बता दें कि 31जुलाई को बोकारो गवाई बराज परियोजना से पानी छोड़कर इसका ट्रायल शुरू किया गया था. लेकिन बारिश के कारण पानी के बहाव में मुख्य नगर से दूसरी नहर में पानी पहुंच गया. जिससे नहर की ढलाई में दरार पड़ गई से और क्षतिग्रस्त हो गया.
गवाई बराज परियोजना की नींव 1970 में रखी गई थी. 53 साल बाद 31 जुलाई को इसका उद्घाटन किया गया. इसका उद्देश्य 4636 हेक्टेयर भूमि पर चास और चंदनक्यारी के 54 गांव तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना था. गवाई बराज परियोजना में मुख्य तौर पर दो नहर बनाई गई है. जिस पर मुख्य नहर की लंबाई 44.4 किलोमीटर है. वहीं दूसरी नहर 10 किलोमीटर की है. इस मामले पर जल संसाधन के अभियंता प्रमुख नागेश मिश्र ने बताया कि घटना की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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