भीलवाड़ा में नाबालिग बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव अल्का गुर्जर मीडिया से बातचीत के दौरान रोने लग गईं। अल्का गुर्जर प्रदेश भाजपा मुख्यालय में इस मामले को लेकर संबोधित कर रही थीं। अल्का गुरुवार को घटना स्थल पर भी गई थीं।
उन्होंने भीलवाड़ा की घटना की तुलना दिल्ली के तंदूर कांड से करते हुए कहा- हमारी एक छोटी बच्ची को भट्टी में जिंदा जला दिया गया। यह हमें मंजूर नहीं है। ये हमने कभी नहीं सोचा था कि राजस्थान में महिलाओं की यह स्थिति हो जाएगी। यह सब देखकर रोना आता है, दर्द होता है। पीड़ा होती है कि राजस्थान जो सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती थी, आज वहां कांग्रेस राज में हमें वो समय देखने को मिल रहा है कि हमारी बच्चियों को जिंदा भट्टियों में जलाया जा रहा है।
इसके बाद भी मुख्यमंत्री स्तर पर इस घटना को लेकर कोई बयान तक नहीं आता है। मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना है। मुझसे बोला भी नहीं जा रहा है। राजस्थान की महिलाएं इस सरकार को कभी माफ नहीं करेंगी। मैं इस मामले में मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करती हूं।
वहीं, इस पूरे प्रकरण को लेकर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा- सीएम अशोक गहलोत अक्षम मुख्यमंत्री हैं। इससे कड़े शब्दों का इस्तेमाल मैं नहीं कर सकता हूं। यह केवल भीलवाड़ा के कोटड़ी की घटना को लेकर नहीं है। पिछले साढ़े चार साल में मंत्री और विधायकों के बेटों व रिश्तेदारों ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। उनके मामले भी दर्ज नहीं किए गए।
कोर्ट के आदेश के बाद मंत्री जाहिदा खान के पति, विधायक जौहरीलाल मीणा के बेटे पर मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं, हाल ही में विधायक बाबूलाल बैरवा के भतीजे पर आरोप लगे हैं। इस मामले में भी लीपापोती चल रही है।
अरुण चतुर्वेदी ने कहा- अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साढ़े चार साल में पुलिस के थानों व चौकियों को सत्ताधारी दल के विधायकों व मंत्रियों के यहां गिरवी रख दिया है। इसका परिणाम है कि आज राजस्थान की हालत बद से बदतर हो गई है।
भीलवाड़ा में 14 साल की नाबालिग से गैंगरेप के बाद जलाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दुष्कर्म के बाद दरिंदों ने नाबालिग के शरीर को कोयले की भट्ठी में आग के हवाले कर दिया और जब शरीर का कुछ हिस्सा जलने से रह गया तो करतूत छिपाने के लिए उसे करीब एक किलोमीटर दूर तालाब में फेंक दिया।
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