लोकसभा चुनाव-2024 दरवाजे पर दस्तक दे रहा है और विपक्षी दल एक बड़े गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) की छतरी के नीचे एकजुट हो रहा है. जो कि अब तक अजेय माने जाने वाले PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के जीत के रथ को रोकने के इरादे से बनाया गया है. इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि एनडीए भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा है. पीएम मोदी पहले ही एनडीए (NDA) में शामिल 38 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को संबोधित कर चुके हैं. जिसमें पीएम मोदी ने अगले साल के लोकसभा के चुनाव में पहले से ज्यादा बड़ी जीत के लिए अपील की.
इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी एक और जीत के हर इलाके के हिसाब से स्पेशल नुस्खे देने के लिए बंद दरवाजों के पीछे अलग-अलग समूहों में एनडीए सांसदों से भी मिल रहे हैं. अब तक वह उत्तर प्रदेश के पश्चिमी (जैसे ब्रज क्षेत्र) और पूर्वी (जैसे अवध क्षेत्र), पश्चिम बंगाल, दक्षिणी राज्यों, बिहार, ओडिशा और झारखंड के सांसदों से मिल चुके हैं. भाजपा के सबसे बड़े चुनावी प्रचारक पीएम मोदी ने अपनी अब तक की विभिन्न बैठकों में जो मंत्र एनडीए के सांसदों को दिए हैं, उनको मोटे तौर पर पांच बड़े संदेशों में बांटा है. इनका महत्व कमोबेश हर चुनाव में बना रहने वाला है.
पीएम मोदी को पता है कि अगले साल जनवरी में किसी समय जनता के लिए खोले जाने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) से विंध्य के उत्तर में एनडीए सांसद विशेष रूप से चुनावी लाभ की उम्मीद कर रहे हैं. वह उस आत्मसंतुष्टि के प्रति भी सचेत हैं जो खासकर उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों के बीच पैदा हो सकती है, जहां पार्टी ने 80 में से 62 सीटें जीतीं. पीएम मोदी ने कहा कि अपनी-अपनी सीटों पर राम मंदिर के बारे में प्रचार करने से वोट नहीं मिलेंगे. पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 का भी जिक्र करते हुए सांसदों से कहा कि इस मुद्दे को तूल देने से काम नहीं चलेगा.
नए महाराष्ट्र सदन में सांसदों से पीएम मोदी ने गरीबों के लिए काम करने और केंद्र द्वारा लाई गई गरीब-समर्थक योजनाओं के बारे में बताने को कहा. उन्होंने सांसदों से कहा कि ‘गरीबी सबसे बड़ी जाति है.’ पीएम उत्तर प्रदेश और बिहार में जातीय संवेदनशीलता को लेकर सजग हैं. यूपी में पीएम मोदी ने सांसदों से जातिगत भेदभाव से ऊपर उठने को कहा. पीएम मोदी चाहते थे कि सांसद लोगों को योजनाओं के बारे में जागरूक करें ताकि गरीब उनका लाभ उठा सकें. केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना और प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मानिर्भर निधि योजना जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं.
पीएम मोदी ने किसी भी सांसद से विपक्षी गुट के लिए ‘इंडिया’ शब्द का इस्तेमाल बंद करने के लिए नहीं कहा. मगर पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि वह खुद इसे पसंद नहीं करते हैं. पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के एनडीए सांसदों के साथ अपनी दूसरी बैठक में पीएम मोदी ने इस शब्द का उच्चारण I.N.D.I.A के रूप में किया. बैठक में शामिल हुए सांसदों ने भी इसे उसी अंदाज में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
2014 के बाद भाजपा इस मामले में बहुत खास रही है कि वह नहीं चाहती कि उसके मंत्री या सांसद मीडिया में छाए रहें. पीएम मोदी का दोहराया गया एक बड़ा संदेश था ‘माइक से दूर रहें.’ सूत्रों के मुताबिक उन्होंने जो बड़ी बात कही वह यह थी कि अपनी जुबान पर नियंत्रण रखें, मीडिया को अनावश्यक बाइट देने से बचें और निश्चित रूप से किसी भी विवाद को पैदा करने या उसमें शामिल होने से मीलों दूर रहें. उन्होंने गुरुवार को एनडीए सांसदों से पूछा कि ‘आउट ऑफ टर्न क्यों बोलना है? क्या जरूरत है?’ इसके बजाय उन्होंने उन्हें सलाह दी कि ‘जमीन पर अपना काम खुद बोलने दें.’
पीएम मोदी ने पूर्वी यूपी के सांसदों से हर संसदीय क्षेत्र में तत्काल कॉल सेंटर बनाने को कहा. संसद सत्र या पार्टी कार्य के दौरान सांसद अपने संबंधित संसदीय क्षेत्रों से दूर रहते हैं, जब कई लोगों को उनकी मदद की जरूरत हो सकती है. इसलिए समर्पित नंबरों वाले कॉल सेंटर बनाए जाने चाहिए, जिसके जरिये लोग किसी भी समय अपनी शिकायत या समस्याएं अपने सांसदों तक पहुंचा सकें. पीएम मोदी ने इसे ‘संसद संवाद’ भी कहा. उन्होंने हर सांसद के लिए पेशेवर सोशल मीडिया टीमें बनाने की जरूरत पर भी बल दिया. उन्होंने सांसदों से कहा कि ‘सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय रहें.’
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